Gwalior Railway News: ग्वालियर, नईदुनिया प्रतिनिधि। ग्वालियर रेलवे स्टेशन को विश्वस्तरीय एयरपोर्ट जैसा बनाने की परियोजना में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के दखल के बाद बदलाव किया जा रहा है। रेल मंत्री ने देश के सभी पुनर्विकसित किए जाने वाले रेलवे स्टेशनों की डिजाइन में परिवर्तन करने के निर्देश दिए हैं। इसके आधार पर ग्वालियर स्टेशन के डिजाइन को भी परिवर्तित किया जाएगा। रेलवे ने गत जनवरी माह में स्टेशन के पुनर्विकास के लिए 432 करोड़ रुपये का एस्टीमेट तैयार किया था, लेकिन डिजाइन में परिवर्तन होने के कारण इसकी लागत में 10 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी होने की संभावना है। इसके बाद मौके पर काम शुरू कराने के लिए टेंडर प्रक्रिया की जाएगी।
ग्वालियर सहित देश के जिन रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास किया जाना है, वहां रेल मंत्री ने खुद रुचि लेते हुए कुछ बदलाव करने के लिए निर्देश दिए हैं। इसके तहत यात्रियों के बैठने के लिए प्लेटफार्म पर वेटिंग हाल निर्माण के अलावा पहली मंजिल पर कानकोर्स एरिया (समवर्ती क्षेत्र) को बढ़ाया जाना है। इस एरिया में यात्रियों के बैठने की सुविधा रहेगी। ग्वालियर स्टेशन के लिए तैयार किए गए डिजाइन व एस्टीमेट में कानकोर्स एरिया 50 मीटर चौड़ा रखा गया था। अब इसे बढ़ाकर 72 मीटर चौड़ा करने के निर्देश दिए गए हैं। ये एरिया झांसी व आगरा छोर पर तैयार होगा। इसके लिए प्लेटफार्म क्रमांक एक की तरफ से प्रवेश द्वार भी चौड़े किए जाएंगे। इससे स्टेशन के पुनर्विकास परियोजना की लागत में बढ़ोतरी होगी। अफसरों के मुताबिक डिजाइन में परिवर्तन करने से लागत 442 करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है।
एक माह की समय सीमाः अफसरों ने इस परियोजना के डिजाइन में बदलाव करने के साथ ही झांसी और प्रयागराज स्थित मुख्यालय से अनुमोदन कराने के लिए एक माह की समय सीमा तय की है। पूरा प्रयास किया जा रहा है कि एक माह के अंदर कागजी प्रक्रिया पूरी कर टेंडर जारी किए जाएं। इसके लिए तेजी से काम कराया जा रहा है।
ऐसे चली परियोजनाः ग्वालियर स्टेशन के पुनर्विकास की योजना वर्ष 2019 से चल रही है। इसकी जिम्मेदारी इंडियन रेल स्टेशन डवलपमेंट कार्पोरेशन को सौंपी गई थी। स्टेशन को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) माडल पर विकसित किया जाना है। पुनर्विकास करने वाली कंपनी को रेलवे द्वारा 9900 वर्गमीटर जमीन 99 वर्षों की लीज पर दी जाएगी, जिस पर वह व्यवसायिक व आवासीय निर्माण कर सकता है। इस स्टेशन की डिजाइन पूरी तरह से एयरपोर्ट जैसी रखी गई थी, ताकि इसका दृश्य भव्य नजर आ सके और यात्रियों को भी बेहतर सुविधाएं मिल सकें। 18 अक्टूबर 2021 को आइआरएसडीसी को बंद कर दिया गया और स्टेशनों के पुनर्विकास की जिम्मेदारी जोनल स्तर पर सौंप दी गई थी। जोनल अफसरों ने इस परियोजना का एस्टीमेट तैयार कराया, जो 432 करोड़ रुपये का हो गया। अब रेल मंत्री के दखल के बाद इसके डिजाइन में परिवर्तन से लागत बढ़ जाएगी।
ये होंगे आधुनिक कार्यः स्टेशन की इमारत के ऊपर आकर्षक छत बनाई जाएगी, जिसमें कानकोर्स एरिया होगा। यहां यात्री आराम से बैठकर अपनी ट्रेन का इंतजार कर सकते हैं। यहीं से प्लेटफार्म तक पहुंचने के लिए स्वचलित सीढ़ियां और लिफ्ट होगी। सर्कुलेटिंग एरिया में तीन लेन की सड़क और पैदल चलने वालों के लिए फुटपाथ होगा। बस स्टैंड को स्टेशन से जोड़ने के लिए फुटओवर ब्रिज बनाने की भी योजना है। यहां यात्रियों को प्लेटफार्म पर ही खरीदारी की सुविधा भी मिल सकेगी, साथ ही रेस्टोरेंट तैयार करने की भी योजना है।
वर्जन-
ग्वालियर रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास के लिए तैयार किया गया एस्टीमेट रिवाइज किया जा रहा है। इसके डिजाइन में भी परिवर्तन हो रहा है। शीघ्र ही नए एस्टीमेट के अनुसार टेंडर जारी किए जाएंगे।
मनोज कुमार सिंह, जनसंपर्क अधिकारी रेल मंडल झांसी