ग्वालियर.नईदुनिया प्रतिनिधि। उत्तर मध्य रेलवे के अधिकारियों ने ग्वालियर से गुजरने वाली राजधानी, ग्वालियर-अहमदाबाद सहित एक दर्जन ट्रेनों में सीटों का आपातकालीन कोटा कोरोना के बहाने छीन लिया। अब ट्रेनें बहाल पूरी तरह से बहाल हुए छह महीने से अधिक समय बीत चुका है। इसके बावजूद इन सीटों का कोटा शहर को नहीं लौटाया जा रहा है। रेलवे ने ट्रेनों के स्लीपर, थर्ड एसी, सेकंड एसी कोच में उपलब्ध कोटे की सीटों को कम कर आगरा व झांसी मंडल में ट्रांसफर कर दिया था।
रेलवे द्वारा ट्रेनों में महिला, लोअर बर्थ, सीनियर सिटीजन, दिव्यांग, तत्काल, प्रीमियम तत्काल, कैंसर रोगियों के लिए कोटा निर्धारित किया जाता है। इसके अलावा आपातकालीन कोटे का प्रविधान भी है, जिसके तहत यात्री अचानक जरूरत होने पर एक आवेदन देकर इस कोटे में सीट कंफर्म करा सकते हैं। यह कोटा स्टेशन स्तर पर उपलब्ध कराया जाता है। ग्वालियर से बनकर चलने और गुजरने वाली एक दर्जन ट्रेनों में कोरोना से पहले प्रत्येक श्रेणी में छह से आठ सीटों का कोटा था, लेकिन कोरोना के दौरान इस कोटे को कम कर दिया गया था। अब कोरोना संक्रमण की स्थिति काबू में है। इसके बावजूद ट्रेनों में पुराने कोटे को बहाल नहीं किया जा रहा है। वर्तमान में ग्वालियर से बनकर चलने वाली रतलाम इंटरसिटी, बरौनी मेल, बुंदेलखंड एक्सप्रेस, ग्वालियर-दौंड एक्सप्रेस, ग्वालियर-अहमदाबाद एक्सप्रेस, ग्वालियर-बलरामपुर सुशासन एक्सप्रेस सहित जीटी एक्सप्रेस, कर्नाटका एक्सप्रेस, तेलंगाना एक्सप्रेस में आपातकालीन कोटे के तहत सीटें मुहैया कराई जाती हैं। रेलवे ने मुंबई राजधानी के थर्ड एसी कोच में दो सीटों का कोटा दिया था, जिसे कोरोना के बाद बंद कर दिया गया है। इसके अलावा उदयपुर-खजुराहो इंटरसिटी में सेकंड एसी में दो, थर्ड एसी में दो और स्लीपर की चार सीटों का कोटा खत्म कर दिया गया है। इसी प्रकार झांसी-बांद्रा एक्सप्रेस में सेकंड एसी की चार, थर्ड एसी की चार और स्लीपर की छह सीटों का कोटा झांसी में दे दिया गया है।