Gwalior Rajiv Awas Yojana: ग्वालियर, नईदुनिया प्रतिनिधि। राजीव आवास योजना के अंतर्गत घर दिलाने के नाम पर एक परिवार के साथ 25 हजार रुपये की ठगी हो गई। डबरा निवासी सन्नी गवरकर ने 15 मार्च 2019 में महाराज बाड़ा स्थित गोरखी पर एक युवक को 25 हजार रुपये देकर राजीव आवास हेतु रसीद कटा ली। रसीद काटने वाला युवक खुद का नाम लकी बता रहा था, जिसनें 25 हजार लेकर 20 हजार रुपये की पावती रसीद दे दी। जिस पर आयुक्त नगर पालिका निगम, ग्वालियर संपदा शाखा लिखा हुआ था। पांच हजार रुपये इधर-उधर का खर्चा बताकर रिश्वत के नाम पर रख लिए।
सन्नी ने अपनी मां सविता गवरकर के नाम यह रसीद कटाई थी। ढाई साल से सन्नी अपने परिवार के साथ नगर निगम मुख्यालय के चक्कर लगा रहा था, और आवास कब तक मिलेगा यह अधिकारियों से पूछ रहा था, मगर किसी भी अधिकारी ने युवक से पर्याप्त संवाद नहीं किया, जिसके कारण उसे खुद के साथ हुई ठगी का भी अहसास नहीं हुआ। मंगलवार को युवक को अधिकारियों ने बताया कि वह जो रसीद दिखा रहा है, वह फर्जी है। इसके बाद से ही युवक सकते में आ गया और अब एफआइआर कराने की बात कह रहा है। वहीं नगर निगम के प्रोजेक्ट आफीसर अरविंद चतुर्वेदी का कहना है कि राजीव आवास एवं प्रधानमंत्री आवास के लिए किसी भी प्रकार का नगद लेन-देन नहीं किया जाता है। ऐसे में लोग किसी भी प्रकार की ठगी से बचें।
मेरे 18000 वापस कर दो साहब, मैं मजदूरी करूं या कानून पढ़ूंः राजीव आवास योजना के लिए एक अन्य एक अन्य बुजुर्ग रोते हुए नगर निगम कार्यालय पहुंचा। बुजुर्ग नगर निगम के प्रोजेक्ट आफिसर अरविंद चतुर्वेदी के पैरों में गिरकर अपनी व्यथा सुनाने लगा। उसने कहा कि साहब मैंने 18 हजार रुपये आवास के लिए जमा किए थे, फिर मुझे अटैक आ गया, इसलिए आ नहीं सका। मुझे न तो अभी तक आवास मिला है और न हीं मेरे 18 हजार रुपये वापस मिले हैं। नगर निगम के चक्कर लगा लगा कर परेशान हो गया हूं, कर्मचारी व अधिकारी बात भी नहीं करते न हीं कुछ बताते हैं। मेरी पत्नी फुटपाथ पर खड़ी होकर चाय सिगरेट बेचती है, मैं खुद मजदूरी करके अपना परिवार पालता हूं। अब अपने 18 हजार रुपये वापस पाने के लिए मैं मजदूरी करूं या नगर निगम की कानूनी पढूं। साहब मेरे रुपये वापस करा दीजिए। चतुर्वेदी ने नगर निगम के अकाउंट सेक्सन में फोन लगाकर कर 18 हजार रुपये वापस कराने की प्रक्रिया शुरू कराई है।