Gwalior self employment News: गांवों में स्वरोजगार स्थापित करना चाहते हैं पलायन कर लौटे युवा
लोगों को उनके कौशल के अनुसार रोजगार नहीं मिल पा रहा है। गांव और छोटे कस्बों में यदि रोजगार मिल भी रहा है तो उचित
By anil.tomar
Edited By: anil.tomar
Publish Date: Thu, 23 Sep 2021 04:54:50 PM (IST)
Updated Date: Thu, 23 Sep 2021 04:54:50 PM (IST)

- एकता परिषद की पदयात्रा में शामिल लोग।
Gwalior self employment News: भितरवार (नईदुनिया न्यूज)। वर्तमान समय में बेरोजगारी का मुद्दा बेहद गंभीर है। जब स्थानीय स्तर पर लोगों को रोजगार नहीं मिल पता है। तभी वह पलायन करने को मजबूर होते हैं। हम अपने साथियों के साथ-साथ यात्रा के दौरान जहां से भी गुजर रहे हैं, हमारे समक्ष बेरोजगारी और पलायन का मुद्दा गंभीरता से सामने आ रहा है। लोगों को उनके कौशल के अनुसार रोजगार नहीं मिल पा रहा है। गांव और छोटे कस्बों में यदि रोजगार मिल भी रहा है तो उचित मेहनताना नहीं मिल रहा है। उक्त बातें एकता परिषद के प्रदेश संयोजक डोंगर शर्मा ने कही। ए
कता परिषद के प्रदेश संयोजक डोंगर शर्मा ने आगे कहा कि 12 दिवसीय चल रही न्याय और शांति पदयात्रा-2021 के लिए बेरोजगारी और पलायन के मुद्दे को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि पिछले दो साल से कोविड और उसके बाद अतिवर्षा के कारण बाढ़ आने से लोगों का काफी नुकसान हुआ है। खास कर युवा पीढ़ी को यह नुकसान ज्यादा झेलना पड़ रहा है। जो युवा बाहर मजदूरी करने के लिए जाते थे उन्होंने कोविड के दौरान घर वापस आने के लिए पैदल यात्रा की और इस दरम्यान जो परेशानी को उन्होंने झेला उस कारण अब यह लोग वापस बाहर मजदूरी करने के लिए नहीं जाना चाहते हैं। एकता परिषद के राष्ट्रीय महासचिव अनीष कुमार ने कहा कि महात्मा गांधी का सपना स्वरोजगार का था। वर्तमान समय ने हमें यह अहसास करा दिया है कि हमें स्वरोजगार पर ध्यान देने की आवश्यकता है। यात्रा के दौरान लगभग पांच हजार पदयात्री पैदल चल रहे हैं और लगभग दस हजार किलोमीटर की दूरी तय की जाएगी। इस अनूठी पदयात्रा का समापन दो अक्तूबर अन्तरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के मौके पर किया जाएगा।