
Gwalior Smart City News: ग्वालियर, नईदुनिया प्रतिनिधि। स्मार्ट सिटी के करीब 400 करोड़ रुपये की लागत के चालू प्रोजेक्ट पीडीएमसी कंपनी केपीएमजी (प्रोजेक्ट डवलपमेंट एंड मैनेजमेंट कंसलटेंट) के अनुबंध खत्म होने से अटक सकते हैं। हालांकि स्मार्ट सिटी एवं प्रशासन द्वारा पीडीएमसी कंपनी को तीन माह तक कार्य और चालू रखने के लिए बात कर रही है। अगर दूसरी कंपनी के आने से पहले यह कंपनी चली जाती है तो सभी प्रोजेक्टों पर असर दिखने लगेगा।
पीडीएमसी कंपनी केपीएमजी (प्रोजेक्ट डवलपमेंट एंड मैनेजमेंट कंसलटेंट) का स्मार्ट सिटी से छह जुलाई को अनुबंध खत्म हो गया। जानकारी के अनुसार कंपनी का मन अब स्मार्ट सिटी के साथ कार्य करने का नहीं है। वहीं प्रशासन चाहता है कि कंपनी तीन माह और कार्य करे। तब तक वह टेंडर जारी कर नई कंपनी से अनुबंध कर लेंगे। लेकिन कंपनी अब कार्य को आगे बढाने के मूड में नहीं है।
तीन से चार माह लगेंगे नई कंपनी को संभालने में: केपीएमजी कंपनी के जाने के बाद नई कंपनी के लिए स्मार्ट सिटी को टेंडर जारी करना होगा। इस प्रक्रिया में पूरा एक माह का समय लगेगा। इसके बाद कंपनी कार्य संभालेगी तो उसे पूरे प्रोजेक्टों को देखने एवं समझने में एक से दो माह का समय लगेगा। इस दौरान सभी कार्य प्रभावित होंगे।
यह कार्य करती हैं पीडीएमसीः पीडीएमसी को शासन की ओर से अनुबंध किया जाता है। पीडीएमसी के इंजीनियर प्रोजेक्ट की ड्रांइग डिजाइन करते हैं। साथ ही जब प्रोजेक्ट चालू हो जाता है तो पीडीएमसी के इंजीनियर ही उसकी निगरानी करते हैं। देखते हैं ठेकेदार शर्ताे का पालन कर रहा है अथवा नहीं। बिल भी पीडीएमसी के इंजीनियर ही बनाकर देते है, लेकिन पीडीएमसी के चले जाने के बाद फिलहाल नए प्रोजेक्टों का कार्य थम जाएगा। वहीं 300 करोड़ की स्मार्ट रोड, करीब तीन करोड़ का अटल बिहारी स्कूल, 13 करोड़ की फसाड़ लाइटिंग, 26 करोड़ की स्ट्रीट लाइट के प्रोजेक्ट की रफ्तार भी धीमी हो जाएगी, क्योंकि इनके बिल एवं निगरानी का कार्य नहीं हो पाएगा।
वर्जन-
पीडीएमसी का अनुबंध खत्म हो गया हैं, स्मार्ट सिटी ने टेण्डर जारी कर दिए हैं, साथ ही हम भी प्रयास कर रहे हैं कि सभी चीजें आसानी से हल हो जाए और प्रोजेक्टों में परेशानी का सामना नहींं करना पड़े।
शिवम वर्मा, नगर निगम आयुक्त
वर्जन-
स्मार्ट सिटी का अनुबंध पीडीएमसी के साथ खत्म हो गया है, लेकिन जल्द ही इस समस्या को हल कर लिया जाएगा। प्रोजेक्टों में परेशानी नहीं आने दी जाएगी।
जयति सिंह, सीइओ स्मार्ट सिटी