Gwalior Smart City News: ग्वालियर. नईदुनिया प्रतिनिधि। ग्वालियर हर मायने में समृद्ध है। इसे तानसेन जैसे महान संगीतकार ने अपने संगीत से जीवित किया है तो वहीं सिंधिया घराने ने इसे संवारा है। इस धरती को रानी लक्ष्मीबाई ने अपने बलिदान से सींचा है। पास के चंबल नदी में घड़ियाल हैं तो डाल्फिन की छलांग भी आसानी से देखी जा सकती है। मितावली पढ़ावली में प्राचीन मंदिरों की विरासत हमारे पास है, फिर भी इन्हें हम पर्यटकों को दिखा नहीं पा रहे हैं। अब स्मार्ट सिटी ग्वालियर की पर्यटक विरासत को अब राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उभारेगी। इसके लिए देसी व विदेशी पर्यटकों को ग्वालियर तक लाने का जिम्मा स्मार्ट सिटी संभालने जा रहा है। वह पर्यटन विभाग की भी मदद लेगा। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए स्मार्ट सिटी ने ग्वालियर की विरासत को चार भागों में बांटा है। इसमें प्रथम है शहर और उसके आसपास के हिस्सों का पुरातत्व, दूसरा है सांस्कृतिक और तीसरा है धार्मिक और चौथा वाइल्ड लाइफ।
भारत पर्यटकों की दृष्टि से काफी समृद्ध है, जिसके कारण लाखों की संख्या में पर्यटक भारत आते हैं। लेकिन इनमें से अधिकांश पर्यटक आगरा का ताजमहल देखने के बाद ओरछा अथवा खजुराहो निकल जाते हैं, जबकि इन दोनों पर्यटक स्थलों के बीच ग्वालियर आता है। जानकारी के अभाव के कारण पर्यटक यहां नहीं आ पाते हैं। शहर के पर्यटक स्थलों की जानकारी देने के लिए स्मार्ट सिटी अब आगरा और दिल्ली के टूर आपरेटरों और पर्यटकों से संपर्क करने जा रही है। टूर आपरेटरों से संपर्क होने के बाद ग्वालियर भी अन्य पर्यटन शहरों की तरह पर्यटकों की निगाह में आएगा जिससे यहां पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
हैरिटेज (पुरातत्व)
1. ग्वालियर किला, मोतीमहल, महाराज बाड़ा, एशिया का दूसरे नंबर का कच्ची (काली) मिट्टी का बांध हरसी आदि शामिल रहेंगे।
2.सांस्कृतिक
इसमें बरई पनिहार, पवाया, टाउनहॉल, बेहट आदि स्थान शामिल रहेंगे।
धार्मिक
3.मितावली, पढ़ावली, ककनमठ, शनिचराधाम, दतिया, सोनागिर, गोपाचल पर्वत, बंदी छोड़ गुस्र्द्वारा, नलकेश्वर, बरई आदि शामिल रहेगी।
4.वाइल्ड लाइफ
चंबल सेंक्चुरी, शिवपुरी माधव नेशनल पार्क, सोनचिरैया अभायरण्य, कूनो नेशनल पार्क शामिल हैं।
हैरिटेज
ग्वालियर किला देश और दुनिया मं काफी प्रसिद्ध है, किला स्थित मानसिंह महल पर सैकड़ांे साल पहले की गई चित्रकारी और रंग आज भी ग्वालियर किले की शान है। इसके बाद महाराज बाड़ा पर पांच तरह की अलग-अलग शैली की इमारतें, जिसमें टाउन हॉल, स्टेटबैंक, डाकघर, विक्टोरिया मार्केट, गांधी मार्केट, छापाखाना, गोरखी, आदि शामिल हैं। इसके साथ ही हरसी गांव स्थित हरसी बांध जो कि देशभर में एक मात्र ऐसा बांध है जो कि पूरी तरह से कच्ची मिट्टी से बनाया गया था।
धार्मिक पर्यटन
मितावली पढ़ावली, कंकनमठ में सैकड़ों साल पुराने मंदिर बने हुए हैं। जबकि शनिचरा में दुनिया का सबसे प्राचीन शनि मंदिर है। वहीं सोनागिर में जैनपंथ के सैकड़ों प्राचीन मंदिर बने हुए हैं। इसी तरह शक्तिपीठों में शामिल दतिया की पीतांबरा माई का मंदिर है। वहीं गालव ऋषि की साधना स्थली नलकेश्वर में सैकड़ों साल पुराना भगवान शिव का मंदिर है।
वाइल्ड लाइफ
चंबल नदी में आज भी डालफिन पाई जाती है, इसके साथ ही यहां पर घडियालों की सेंक्चुरी भी है। साथ ही यहां पर सैकड़ों की संख्या में मगरमच्छ भी है। चंबल नदी भारत की सबसे साफ व स्वच्छ नदी भी है। इसके बाद माधव नेशनल पार्क यहां पर शाकाहरी पशुओं की काफी संख्या है। साथ ही यहां पर तेंदुआ आदि भी पाए जाते हैं। जबकि कूनो नेशनल पार्क में एशियाई लायन लाए जाने हैं। जो कि गुजरात से आने हैं।
वर्जन
ग्वालियर में पर्यटन की काफी संभावना है, लेकिन अभी तक इसे ठीक से दुनिया व देश के सामने नहीं लाया गया। स्मार्ट सिटी टूर एंड ट्रेवल्स वालों सें सपंर्क कर पर्यटकों को ग्वालियर तक लाने का प्रयास कर रही है।
जयति सिंह
सीइओ स्मार्ट सिटी