नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में डॉ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा लगाने के विवाद में बुधवार का दिन अहम होने जा रहा है। सोमवार को संभागायुक्त, आइजी के निर्देशन में दी गई समझाइश के बाद दोनों ही पक्षों की ओर से 15 अक्टूबर को प्रदर्शन न करने की सहमति दी गई है। फिर भी सोशल मीडिया पर लगातार भड़काऊ पोस्ट जारी हैं। यही वजह है कि पुलिस-प्रशासन संशय में है और किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए ऐहतियातन पूरी तैयारी रखी गई है।
ग्वालियर सहित छह जिलों की सीमाओं पर नाकाबंदी की गई है। वहीं, शहर के अंदर तक सड़कों पर करीब चार हजार जवान बलवा किट के साथ उपद्रवियों को सबक सिखाने के लिए तैयार हैं। इससे पहले, भीम आर्मी सहित एससी-एसटी वर्ग के विभिन्न संगठनों ने 15 अक्टूबर को विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया था। इस पर वकील व सवर्ण समाज के विभिन्न संगठनों की ओर से भी तीखी प्रतिक्रिया हुई थी। आशंका है कि प्रदर्शन के दौरान दोनों वर्ग आमने-सामने आ सकते हैं।
- शहर के नाकों को सील कर दिया गया है। सवारी वाहनों से लेकर बाहर के नंबर की गाड़ियों पर निगाह है। रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड पर बाहर से आने वालों से पूछताछ जारी है।
- फेसबुक पोस्ट और वाट्सएप ग्रुप पर भड़काऊ संदेश, पोस्ट, वीडियो डालकर आंदोलन को हवा देने की कोशिश कर रहे दोनों ही पक्षों के कुछ चेहरों को रडार पर लिया गया है।
- अधिकारियों का साफ कहना है कि किसी भी सूरत में शहर का माहौल बिगाड़ने का प्रयास किया गया, तो सख्ती से निपटा जाएगा।
- आइजी अरविंद सक्सैना ने बताया कि उन्होंने चंबल के मुरैना, भिंड व ग्वालियर रेंज के ग्वालियर सहित अशोकनगर, गुना, शिवपुरी के पुलिस अधीक्षकों से बात की। यहां चेकिंग प्वाइंट लगवाए हैं।
मंगलवार रात से ही करीब 100 पेट्रोलिंग मोबाइल तैनात हो जाएगी। 25 संवेदनशील इलाके चिन्हित किए गए हैं। यहां मंगलवार शाम से रात तक फ्लैग मार्च किया गया। पेट्रोलिंग होगी, ड्रोन से निगरानी होगी और करीब 10 स्थानों पर फायर ब्रिगेड भी तैनात होगी। ग्वालियर में सुरक्षा की दृष्टि से अन्य जिलों से फोर्स बुलवाया गया है। एसएएफ की कंपनियां भी तैनात रहेंगी। फिक्स पिकेट पर पांच-पांच जवान तैनात रहेंगे।
अधिवक्ता अनिल मिश्रा के घर के बाहर फोर्स तैनात कर दी गई है। यहां वाहनों का आवागमन दोपहर में रोका गया। दो बार टेंट वाले को लौटाया गया। अनिल मिश्रा का कहना है- वह जन्मदिन पर सुंदरकांड का पाठ व भंडारा कराना चाहते थे। पुलिस द्वारा टेंट लगने से रोका गया, इसकी अनुमति लाने को कहा गया।