Gwalior Stay Home Scheme: ग्वालियर, नईदुनिया प्रतिनिधि। मप्र टूरिज्म बोर्ड ने होम स्टे योजना को मूर्तरूप देना शुरू कर दिया है। इसके अंतर्गत ग्वालियर अंचल में आने वाले 70 गांवों को जोड़ दिया गया है। हर गांव से एक घर का चुनाव होम स्टे के लिए किया गया है। जहां विदेशी पर्यटक ठहरकर वहां की संस्कृति को जान सकेंगे। एमपीटीबी के डायरेक्टर मनोज सिंह ने बताया कि हमारी टीम निरंतर ग्रामीणों के संपर्क में है। ग्रामीणों की काउंसिलिंग कर उन्हें मिलने वाले फायदों के बारे में बताया जा रहा है। साथ ही कुछ दिन पहले टीम ने ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा कर गांवों की सूची तैयार की थी। ऐसे घरों को योजना से सर्वाधिक जोड़ा गया था, जिनमें कहीं न कहीं इतिहास की झलक देखने को मिलती है। पर्यटकों का रुझान ग्रामीण क्षेत्रों में वहां की हरियाली, रखरखाव, रहन सहन से परिचित होने में बढ़ रहा है। ग्रामीण क्षेत्र में बने पर्यटन स्थलों को देखने के बाद पर्यटकों को रात ही रात वहां से निकलने की चिंता बनी रहती थी, लेकिन अब पर्यटक चिंता किए बिना ही पर्यटन स्थल देखकर वहां बने होम स्टे में रहकर समय बिता सकते हैं।
केंद्र सरकार ग्रामीणों को देगी सब्सिडीः मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड ने केंद्र सरकार से सामंजस्य स्थापित करके लगभग 20 गांवों को 40 प्रतिशत तक सब्सिडी भी दिलाई है। इन गांव को केंद्र सरकार ने अपनी सूची में शामिल कर लिया है। एमपीटीबी की होम स्टे योजना में सब्सिडी देने का प्रविधान नहीं है। ग्रामीणों को स्वयं ही पर्यटकों से स्टे कराने के लिए काटेज तैयार करने हैं। इसमें रुकने वाले पर्यटक भुगतान करेंगे। इसके साथ ही पर्यटकों का टूर प्लान भी ग्रामीण ही करेंगे। इन काटेज में रुकने के लिए पर्यटकों को एक रात का लगभग 1500 से 2000 रुपये का भुगतान करना होगा। होम स्टे योजना से ऐती, रिठौराकला, मितावली, बीलपुर, अटेर और रानीघाटी आदि गांवों को जोड़ा गया है।
मैन्यु कार्ड में 40 तरह के स्वाद होंगे शामिलः पर्यटकों की उत्सुकता ग्रामीण क्षेत्र के खान-पान को जानने में अधिक होती है। इसे देखते हुए एमपीटीबी ने आइएचएम स्टाफ और रागिनी फाउंडेशन के सहयोग से भिंड, मुरैना, मेहगांव के मुस्तरा, अटेर फोर्ट और श्योपुर में घूमकर ग्रामीणों से उनसे ऐसे कुजिन (भोजन) के बारे में जाना था जो लुप्त हो चुके हैं। साथ ही ऐसे 40 कुजिन को बुक में शामिल किया गया था। अब इन कुजिन को मैन्यू कार्ड में शामिल करने पर विचार कार्य किया जा रहा है। होम स्टे में रहने वाले पर्यटक इन कुजिन का स्वाद चख सकेंगे। साथ ही कॉटेज में रहने वाले पर्यटक कुजिन बुक भी खरीद सकेंगे। इसके साथ ही ग्रामीणों को हाउस कीपिंग, फूड प्रोसेसिंग, रंगोली आदि की ट्रेनिंग दी जा चुकी है।