Gwalior Summer Vacation News: ग्वालियर(नईदुनिया प्रतिनिधि)। मई से बच्चों की गर्मियों की छुटि्टयां शुरू हो जाती हैं, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण की वजह से बच्चों का घर ही विद्यालय बना रहा है। बच्चों को आनलाइन मोड पर पढ़ाई कराई गई थी। वीनस स्कूल की प्राचार्य डा.अमिता गुप्ता ने बताया कि कक्षा 8वीं के बच्चों को कोरोना से बचाव से संबंधित विषय पर लिखने का प्रोजेक्ट दिया है। वहीं कक्षा एक से छठवीं तक के बच्चों को पॉट में प्लांट लगाने को कहा गया है। जिससे वह अपने प्रोजेक्ट के जरिए व्यस्त रहेंगे। बच्चों को इस समय के नाकारात्मक प्रभाव से दूर रखने के लिए ऐसा किया गया है। साथ ही इस साल छुट्टियों में बच्चों को कुछ क्रिएटिविटी दिखाने का मौका दिया गया है। इन प्रोजेक्ट के माध्यम से बच्चों को अपनी प्रतिभा दिखानी होगी। वहीं संक्रमण की वजह से बच्चों के घूमने- फिरने या दोस्तों से मिलकर गप्पे लगाने पर प्रतिबंध लगा हुआ है। ऐसे में बच्चों को क्रिएटिव बनाया जा रहा है।
सीख रहे बीज से पौधे तक की प्रक्रिया- कक्षा 1 से 6वीं तक के विद्यार्थियों को बीज से पौधे लगाने का प्रोजेक्ट दिया है। जिसमें उन्हें ज्यादातर ऑक्सीजन दायक और औषधीय पौधे लगाना है और उन्हें तैयार कर गर्मियों की छुटि्टयों के बाद विद्यालय में जमा करना होगा। अभिभावक पूजा सिंह ने बताया कि मेरा बेटा प्रतीक जो कक्षा एक का छात्र है, वह सुबह-शाम पौधे की देखरेख और पानी देने का विशेष ध्यान रखता है, जिसकी वजह से वातावरण को स्वच्छ रखने में योगदान दे रहा है।
माचिस की तीलियों से तैयार कर रहे एल्फावेट- प्री.प्राइमरी से कक्षा चौथी तक के विद्यार्थियों को मैथामेटिक्स विषय से संबंधित प्रोजेक्ट दिया गया है। जिसमें उन्हें माचिस की तीलियों से एल्फावेट एक सीट पर बनाना होंगे। साथ ही कार्ड, स्टोन या मैच बॉक्स से पिरामिड बनाने का टास्क दिया गया है। जिसमें बच्चों की मां को एक निश्चित समय देना होगा। अभिभावक कीर्ति ने बताया कि वह अपनी बेटी से जो कक्षा चौथी में हैं उसे एक मिनट में पिरामिड बनाने का समय देकर उसे व्यस्त रखते हैं। कचरे से तैयार कर रहे खाद्य- पर्यावरण से जोड़ने के लिए माता-पिता बच्चों को खाद्य बनाना सिखा रहे हैं। साथ ही घर में लगे पौधों से झड़ने वाली पत्तियों को एकत्रित कर और किचन से निकलने वाले कचरे को एक छोटे टैंक में रखकर खाद्य तैयार करते हैं। उसके बाद उसके महत्व को समझाते हुए अपना वीडियो स्कूल के वॉट्सएप ग्रुप में शेयर करना है। जिसकी जिम्मेदारी अभिभावकों को सौंपी गई है।