अमित मिश्रा, नईदुनिया ग्वालियर। ग्वालियर में दागदार पुलिस वालों की भरमार है। ऐसे 88 पुलिसकर्मी हैं, जिन पर गंभीर आरोपों के चलते विभागीय जांच और एफआईआर (FIR) तक दर्ज हैं। 88 में से 22 पुलिसकर्मी ऐसे हैं, जिन पर मारपीट, धोखाधड़ी और आत्महत्या के लिए उकसाने व अन्य गंभीर धाराओं में केस दर्ज हैं। इसके बावजूद यह दागदार पुलिसकर्मी थानों में सेवाएं दे रहे हैं। ग्वालियर में जो दागदार पुलिसकर्मी हैं, उनमें से 80 प्रतिशत की तैनाती थानों और पुलिस की महत्वपूर्ण इकाइयों में है। तीन निरीक्षक थानों की कमान संभाल रहे हैं, एक दरोगा पर तो सोना-खुर्द-बुर्द करने का आरोप है। इसके बावजूद थाना प्रभारी है लेकिन अब ऐसे पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर करने की तैयारी है। इसकी वजह है- पुलिस मुख्यालय की सख्ती। यह सूची तैयार हो चुकी है। अब जल्द ही इन्हें थानों से हटाने के आदेश जारी हो सकते हैं।
डीजीपी कैलाश मकवाना द्वारा पूरे प्रदेश में पुलिस की छवि सुधारने के लिए पिछले एक माह में जमीनी स्तर पर विशेष प्रयास किए गए हैं। सबसे पहले थानों में सालों से तैनात पुलिसकर्मियों को हटाया गया। फिर बाबुओं को दफ्तरों से हटाने के आदेश हुए। 17 जून को डीजीपी की पहल पर ही स्पेशल डीजी प्रशासन आदर्श कटियार ने सभी पुलिस अधीक्षक और इंदौर, भोपाल के पुलिस आयुक्त को पत्र जारी किया कि ऐसे पुलिसकर्मी जिनके विरुद्ध विभागीय जांच व आपराधिक प्रकरण चल रहे हैं, उन्हें थानों से हटाया जाए।
इस आदेश के बाद प्रदेशभर में दागी पुलिसकर्मियों में खलबली मची हुई है। इस आदेश के बाद ही ग्वालियर में ऐसी सूची तैयार कराई गई है। इसमें 66 पुलिसकर्मी ऐसे हैं, जिन पर विभिन्न आरोपों के चलते विभागीय जांच चल रही है। साथ ही 22 पर आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं। अभी इसमें और भी नाम बढ़ सकते हैं।
SI प्रजापति पर कई गंभीर आरोप लगे हैं, इसके बावजूद इन्हें थाने की कमान मिल गई। एसआई प्रजापति पूर्व में टेकनपुर चौकी प्रभारी थे। अक्टूबर 2022 में टेकनपुर चौकी प्रभारी रहते हुए सराफा कारोबारी सम्यक जैन की कार चेकिंग में रोकी थी। इसमें करीब 943 ग्राम सोना मिला था। इसमें से बिना बिल का सोना खुर्द-बुर्द करने का आरोप एसआई महेंद्र प्रजापति पर लगा था। एसआई महेंद्र प्रजापति और आरक्षक रहीश को तत्कालीन पुलिस अधीक्षक द्वारा लाइन हाजिर किया गया था। इसके अलावा भी विवादित रहे हैं। डीजीपी द्वारा दागदार पुलिसकर्मियों को हटाए जाने के आदेश दिए, इसके बाद एसआई प्रजापति को बेहट थाने का प्रभार दिया गया। इस आदेश को लेकर तमाम तरह की चर्चाएं पुलिस महकमे में हैं। एक राजनीतिक रसूखदार की सिफारिश पर पदस्थापना की भी खबर है। कयास लगाए जा रहे हैं कि इनकी भी रवानगी होगी।
88 दागी पुलिसकर्मी ग्वालियर के ही हैं। इनमें से 66 पर विभागीय जांच और 22 पर आपराधिक मुकदमे चल रहे हैं। 80% पुलिसकर्मी थानों या प्रमुख पदों पर तैनात हैं। सूत्रों की मानें तो इन अधिकारियों को जल्द लाइन हाजिर किया जाएगा। हालांकि कुछ रसूखदार सिफारिशों के चलते यह प्रक्रिया धीमी चल रही है। किस पर आपराधिक प्रकरण दर्ज है, यह रिकार्ड नहीं है। इसलिए, पुलिसकर्मियों से ही शपथपत्र लिया जा रहा है कि उनके खिलाफ कोई विभागीय जांच या आपराधिक प्रकरण लंबित नहीं है। पुलिस मुख्यालय के आदेश के बाद दागदार खाकीधारी स्थापना शाखा में जोड़तोड़ से लेकर अफसरों तक से सिफारिश लगा रहे हैं। जिससे यह बच जाएं।वर्जन आएगा