
वरुण शर्मा, ग्वालियर नईदुनिया। भारतीय शास्त्रीय संगीत का सबसे अहम संगीत समारोह तानसेन समारोह में इस बार तानसेन अलंकरण नहीं मिलेगा। तानसेन समारोह 25 दिसंबर से ग्वालियर में आयोजित होने जा रहा है, जिसमें सभी काे अलंकरण की घाेषणा का बेसब्री से इंतजार था, लेकिन अब तय हुआ है कि अलंकरण इस साल नहीं प्रदान किया जाएगा। जानकारों के अनुसार बैजू बावरा की स्मृति में होने वाले समारोह में यह सम्मान दिया जा सकता है, और यह आयोजन 2022 में होगा।
गाैरतलब है कि हर साल तानसेन समारोह का आयोजन भव्य रूप से किया जाता है। पिछले दाे साल से काेराेना के खतरे के चलते आयाेजन की चमक फीकी हुई थी। इस बार कोरोना की दूसरी लहर का कहर जब थाेड़ा कम हुआ ताे प्रतिबंध भी हट गए, इसलिए तानसेन समारोह बेहतर ढंग से आयोजित होने की उम्मीद की जा रही है। इसी समारोह में तानसेन अलंकरण दिया जाता है। जिसको लेकर इंतजार किया जा रहा था कि जल्द ही नाम की घोषणा हाे जाएगी, लेकिन अलंकरण के लिए चयन समिति की बैठक ना हो पाने के कारण मामला अटका हुआ था। क्याेंकि इसी बैठक में कलाकार के नाम का चयन हाेता है। इसके चलते इस बार अलंकरण नहीं दिया जा रहा है। समारोह के मंच पर 26 से 29 दिसंबर तक 2 कलाकारों को रोज कालिदास अलंकरण प्रदान किया जाएगा। इसमें 26 दिसंबर को चेन्नई के पंडित विक्कू विनायकम कार्तिक कुमार 27 दिसंबर को मुंबई की अश्विनी भिड़े कर्नाटक के अरुणा साईं राम 28 को धारवाड़ के व्यंकटेश कुमार पुणे के सुरेश तलवलकर और 29 दिसंबर को दिल्ली के पंडित अनंत व पंडित भजन सोपोरी को कालिदास अलंकरण से सम्मानित किया जाएगा।