
Gwalior Tourism News: ग्वालियर. नईदुनिया प्रतिनिधि। केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय की स्वदेश दर्शन योजना 2.0 में शामिल ग्वालियर के पर्यटन स्थलों को संवारने के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट इस माह तैयार हो जाएगी। पहले इसे तैयार करने के लिए 30 जून तक का समय दिया गया था, लेकिन संभावना है कि अगले कुछ दिनों में केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त कंसल्टेंट यह रिपोर्ट सबमिट कर देगा। इसके तहत पहले चरण में ग्वालियर के पर्यटन स्थलों को संवारने के लिए 70 करोड़ रुपये की राशि भी जल्द ही प्राप्त हो जाएगी। इसके बाद एजेंसी नियुक्त कर पर्यटन स्थलों पर सैलानियों के लिए सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।
स्वदेश दर्शन योजना 2.0 में मध्यप्रदेश में ग्वालियर के साथ-साथ चित्रकूट का चयन किया गया है। ग्वालियर में इस योजना के तहत उन पर्यटन स्थलों को भी संवारा जाना है, जहां सैलानी खासी संख्या में पहुंचते हैं। उदाहरण के तौर पर तिघरा, भदावना, धूमेश्वर महादेव जैसी जगहों पर मानसून के सीजन में बड़ी संख्या में सैलानियों का आवागमन होता है। इसे देखते हुए स्थानीय स्तर पर इन स्थानों को भी प्लान में शामिल करने के निर्देश दिए गए थे। संभागीय आयुक्त दीपक सिंह ने पिछले दिनों केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त कंसल्टेंट को निर्देश दिए थे कि 30 जून तक डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कराई जाए। यह समय सीमा बीत चुकी है, लेकिन कंसल्टेंट ने जल्द ही रिपोर्ट पूरी करने का वादा किया है, जिसके बाद काम शुरू हो सकेगा।
ये पर्यटन स्थल हैं शामिल
ग्वालियर का ऐतिहासिक किला, महाराज बाड़ा, जयविलास पैलेस, मोहम्मद गौस का मकबरा, तानसेन की जन्मस्थली बेहट, मितावली, पढ़ावली, बटेश्वर, तिघरा, भदावना, धूमेश्वर महादेव सहित ज्यादा छोटे-बड़े पर्यटन स्थलों को इस डीपीआर में शामिल किया जाएगा। डीपीआर में यह बताया जाएगा कि इन स्थानों पर पर्यटकों की सुविधा के लिए क्या-क्या व्यवस्थाएं होनी हैं। इसके अलावा पर्यटन स्थलों तक ज्यादा से ज्यादा संख्या में सैलानी पहुंचें, इसके लिए ब्रांडिंग भी की जाएगी।
टूरिस्ट सर्किट से जोड़े जाएंगे
ग्वालियर के विभिन्न धार्मिक और प्राकृतिक महत्व के स्थलों का चयन कर न केवल उनका सुंदरीकरण किया जाएगा, बल्कि उनका पुनरुद्धार किया जाएगा। साथ ही यहां आसान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए स्वदेश दर्शन योजना के टूरिस्ट सर्किट से जोड़ा जाएगा। इससे पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी होगी। इसके लिए केंद्र सरकार, राज्य सरकार और जिला प्रशासन एकीकृत रूप से काम करेंगे।