
Gwalior Trade Fair News: प्रियंक शर्मा. ग्वालियर। ग्वालियर के ऐतिहासिक व्यापार मेले को सर्दी के बजाय ग्रीष्मकालीन मेले के रूप में लगाने के लिए प्रशासन तो तैयार है, लेकिन अभी शासन स्तर से कोई फैसला नहीं हो सका है। मेला व्यापारियों के प्रयास हैं कि 15 अप्रैल से 15 जून तक ग्रीष्मकालीन मेले का आयोजन हो जाए, लेकिन शासन स्तर से कोई फैसला नहीं होने के कारण अभी गफलत की स्थिति बनी हुई है। पिछले दिनों मेला व्यापारियों ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी मेले के आयोजन के लिए ज्ञापन सौंपा था।
ग्रीष्मकालीन मेले की घोषणा नहीं होने से कारोबारी निराश हैं। मेले में महीनों से लगे झूले भी कारोबारियों ने हटा लिए हैं। झूलों की सुरक्षा नहीं होने से उनका सामान चोरी हो रहा था। वहीं प्रशासन के पास भी अभी तक सरकार की ओर से कोई गाइडलाइन ग्रीष्मकालीन मेला लगाने को लेकर नहीं आई है। मेला कारोबारी 15 अप्रैल से 15 जून तक मेला लगवाने का प्रयास कर रहे थे। मेला लगने की उम्मीद में झूला सेक्टर में करीब ढाई माह तक झूले लगे रहे। मेला कारोबारियों ने झूला सेक्टर में मेले की उम्मीद में दिसंबर में झूले मंगवाकर रंग-रोगन कर तान दिए थे। यह झूले कारोबारियों ने आगरा से मंगाए थे। इसी दौरान कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर के चलते प्रदेश सरकार ने सभी प्रकार के मेलों पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके कारण कारोबारियों की उम्मीदों पर पानी फिर गया। इसके बाद गर्मियों में मेला लगने की उम्मीद में झूलों के चारों ओर टीनशेड लगवा दिए थे। कोरोना संक्रमण के कारण मेला कारोबारी दो साल से भारी नुकसान उठा रहे हैं। 2020 में कोरोना संक्रमण के कारण मेला देरी से शुरू हुआ था। कोरोना के चलते इसे कुछ दिन बाद ही बंद कर दिया गया। 2021 में कारोबारी तय समय पर मेला पहुंच गए और दुकानें लगाना शुरू कर दीं, लेकिन इस साल भी मेला नहीं लग सका।