प्रियंक शर्मा, नईदुनिया ग्वालियर (Gwalior Traffic Challan Issue)। स्मार्ट सिटी कार्पोरेशन के इंटेलीजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) को नेशनल इंफार्मेटिक्स सेंटर (एनआईसी) से जुड़े हुए नौ माह का समय बीत चुका है, लेकिन अब भी ट्रैफिक उल्लंघन के कारण हुए चालान के सिस्टम को इतना अपडेट नहीं किया गया है कि लोग आसानी से जुर्माने की राशि जमा कर सकें।
एक बार चालान हो जाने पर कोई सुपर हाइटेक आदमी ही जुर्माने की राशि जमा कर सकता है। चालान हो जाने की सूचना भी सिर्फ एक माध्यम एसएमएस के जरिए लोगों को मिल रही है और कई लोगों के पास तो एसएमएस भी नहीं पहुंच रहे हैं।
यही कारण है कि 15 दिन के बाद थोक में चालान उठाकर जिला न्यायालय भेजे जा रहे हैं। जिसके बाद न्यायालय में 500 के चालान के 1500 रुपये भरने पड़ रहे हैं, जिसका पूरा बोझ लोगों पर ही पड़ रहा है। आईटीएमएस को गत आठ जुलाई 2024 को एनआईसी से जोड़ा गया था।
लिंक होने के बाद एक लाख छह हजार 946 वाहनों के चालान हुए, जिनकी कुल राशि चार करोड 78 लाख 10 हजार 200 रुपये है, लेकिन सिस्टम की पेचीदगियों के कारण सिर्फ 4373 लोग ही जुर्माने की राशि 2435000 रुपये जमा कर पाए।
इसके अलावा भी कई तकनीकी दिक्कतों के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जब आईटीएमएस (ITMS Gwalior update delay) को एनआईसी से नहीं जोड़ा गया था, उस समय पर जो चालान जनरेट किए जाते थे, उनकी मूल प्रति डाक से भेजने के साथ ही वॉट्सएप, एसएमएस और कई बार फोन काल के जरिए सूचना दी जाती थी।
अब एनआईसी (NIC traffic system Gwalior) से जब एसएमएस आता है, तो कई बार लोग ध्यान नहीं दे पाते हैं और उन्हें चालान की मूल रकम से ज्यादा जुर्माना चुकाना पड़ रहा है। इसका कारण है कि न्यायालय में चालान पहुंचने के बाद जुर्माने की रकम दिन बीतने के साथ ही बढ़ती चली जाती है। वहीं लंबे समय तक चालान जमा ना करने पर कठोर कानूनी कार्रवाई का खतरा भी पैदा हो जाता है।
परिवहन विभाग की वर्तमान प्रक्रिया के दौरान वाहन के रजिस्ट्रेशन के समय मोबाइल नंबर अनिवार्य कर दिया गया है, लेकिन कुछ वर्षों पहले तक ऐसा नहीं था। इसके चलते कई बार दलालों द्वारा वाहनों के रजिस्ट्रेशन के दौरान कोई भी मोबाइल नंबर भर दिया जाता था।
अब समस्या यह है कि वाहन का चालान तो आईटीएमएस के जरिए हो रहा है, लेकिन मोबाइल नंबर अपडेट नहीं होने के कारण लोगों को सूचना नहीं मिल पा रही है।
इसके अलावा जब ऑनलाइन चालान जमा करने के लिए https://echallan.parivahan.gov.in/index/accused-challan का सहारा लिया जाता है, तो उसमें वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर और कैप्चा कोड डालने के बाद मोबाइल पर ओटीपी आता है। मोबाइल नंबर यदि अपडेट नहीं है, तो फिर चालान भी नहीं खुल सकेगा।
आईटीएमएस ने भी दिए हैं सुझाव
स्मार्ट सिटी कार्पोरेशन के आईटीएमएस प्रबंधन ने भी इन जटिलताओं का जिक्र करते हुए एनआइसी को प्रक्रिया को सरल करने के सुझाव भेजे हैं। एनआईसी के अधिकारियों के संज्ञान में भी ये सारी समस्याएं हैं, लेकिन इन पर कोई निर्णय नहीं हो पा रहा है। इसका खामियाजा वाहन चालकों को उठाना पड़ रहा है और चालान होने के बाद उन्हें कोर्ट तक चक्कर काटने पड़ रहे हैं।
ये आ रही हैं समस्याएं
शासन के दिशा-निर्देशों के अनुसार ही वर्तमान चालान सिस्टम का संचालन किया जा रहा है। जहां तक एसएमएस की बात है, तो वह सभी वाहन चालकों को पहुंचते हैं। तय समय सीमा बीतने के बाद ही चालान को कोर्ट भेजा जाता है। आईटीएमएस के माध्यम से कुछ सुझाव व समस्याएं प्राप्त हुई हैं, जिन पर हम विचार कर रहे हैं। - मनोज कुमार शर्मा, डायरेक्टर एनआईसी भोपाल