नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर: तानसेन की नगरी ग्वालियर में सोमवार-मंगलवार की रातभर झमाझम बारिश ने ऐसी धुन बजाई कि लगा जैसे आसमान में गर्जना कर मेघ मल्हार गा रहे हो। सिलसिल इस कदर जारी रहा कि रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक 104.6 मिमी बारिश हुई। शहर में अब तक कुल 356.2 मिमी बारिश हो चुकी है।
मंगलवार को दिनभर भी बादल छाए रहे और बीच बीच में पानी की फुहारें आती रहीं। पड़ोसी जिले मुरैना में तो रिकार्ड ही टूट गया। यहां 24 घंटे में 205 मिलीमीटर बारिश हुई, जो पिछले 45 सालों में जुलाई के पहले दिन की सबसे अधिक है। यहां की कई बस्तियों में बाढ़ जैसे हालात बन गए।
मौसम विभाग के मुताबिक बुधवार सुबह तक ग्वालियर, दतिया, श्योपुर, शिवपुरी में अत्याधिक बारिश हो सकती है। वर्तमान में मानसूनी द्रोणिका मध्यप्रदेश व उत्तर प्रदेश के सीमा के पास से गुजर रही है। पश्चिमी बंगाल में गंगा मैदानी इलाकों से सटे उत्तरी ओडिशा पर कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। यह झारखंड की तरफ बढ़ रहा है। साथ ही मानसून द्रोणिका अंचल के भिंड के ऊपर इटावा के पास से गुजर रही है। ऐसे में अंचलभर में बारिश का सिलसिला जारी रह सकता है।
मौसम विशेषज्ञ अजय शुक्ला ने बताया कि दो दिन तक उत्तरी मध्य प्रदेश में भारी बारिश होने के आसार बने हुए हैं। शेष क्षेत्रों में भी हल्की से मध्यम स्तर की बारिश का सिलसिला बना रह सकता है। जिससे आम जन को समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
बारिश से बस्तियों में ही नहीं सरकारी कार्यालयों में पानी भर गया है। कलेक्टर, एसपी बंगलों के परिसर में एक से डेढ़ फीट तक पानी भर गया। एसपी ऑफिस, कोतवाली, पुरानी कलेक्टोरेट और जनपद परिसर में दो फीट से ज्यादा पानी था। ग्रामीण क्षेत्रों के रपटे डूब गए।
भिंड में सुबह आठ बजे तक उदी घाट पर चंबल नदी का जलस्तर 109.48 मीटर था। मेंहदा घाट पर सिंध नदी का जलस्तर 111.56 मीटर है। डिडी के पास क्वारी नदी का जलस्तर 122. 09 मीटर है। हालांकि अभी यह खतरे के निशान से दूर है परंतु एहितयातन इस पर नजर रखी जा रही है। नदी किनारे बसे गांव में अलर्ट जारी किया गया है।