ग्वालियर। नईदुनिया प्रतिनिधि
जिला अस्पताल मुरार में डॉक्टर मरीजों का चेकअप तो करते हैं, लेकिन पर्चे पर दवा लिखने की जगह सील लगाई जाती है। मेडिसिन, दंत रोग सहित कुछ विभागों में तो यह तरीका आम हो चुका है। ऐसे में यदि मरीज को कभी दवा से कोई साइड इफेक्ट हो जाए तो यह पता करना भी मुश्किल होगा कि दवा किस डॉक्टर ने लिखी है।
नियमानुसार शासकीय अस्पतालों में पदस्थ चिकित्सकों को अपनी हैंडराइटिंग में एवं साफ-साफ अक्षरों में दवा के नाम लिखना चाहिए, लेकिन जिला अस्पताल में मेडिसिन विभाग, दंत रोग विभाग सहित कुछ अन्य विभागों के चिकित्सकों ने दवाओं की सील बनवा रखी है। सील भी एक नहीं 4-5 दवाओं की बनाई गई है। ऐसे में जो दवा नहीं होती है, उसे क्रॉस कर दिया जाता है। मेडिसिन विभाग में तो सील लगाने का काम भी एक ट्रेंड नर्स को दिया गया है, डॉक्टर केवल दवाओं के नाम बताते हैं। ऐसे में किसी दवा का साइड इफेक्ट हो जाए तो सील लगी होने के कारण यह पता करना ही मुश्किल है कि ट्रिटमेन्ट किसके द्वारा लिखा गया है।
डोज भी सील पर लिखवाईः
जिला चिकित्सालय में पदस्थ चिकित्सकों ने जो सील बनवाई है, उस पर दवाओं के नाम के साथ ही डोज भी लिखी हुई है। जिसका वरिष्ठ चिकित्सकों की अनुपस्थिति में एमबीबीएस डॉक्टर भी इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में यदि किसी को कम डोज की जरूरत है तो उसे अधिक डोज भी देने का खतरा बरकरार रहता है।
1500 ओपीडी, पर्चे पर लिखते हैं दवाईः
जिला अस्पताल में महज 700-800 की ओपीडी होती है, जबकि जयारोग्य अस्पताल में 1500-1600 की ओपीडी रहती है। इसके बाद भी जेएएच में हाथ से दवा लिखी जाती है, जबकि जिला अस्पताल में डॉक्टर अधिक ओपीडी का बहाना बनाकर दवाओं की सील लगाते हैं।
वर्जनः
दवाओं की सील लगाना सरासर गलत है। मैं इस मामले में वरिष्ठ अधिकारियों को कार्रवाई के लिए पत्र लिखूंगा।
डॉ विपिन गोस्वामी, आरएमओ जिला अस्पताल
वर्जनः
हमारे यहां मरीजों की संख्या ज्यादा होती है, इसलिए दवाओं की सील बनवाई गई है। साथ ही इसमें हमने डोज भी लिख दी है। जिससे हमारी अनुपस्थिति में जब एमबीबीएस डॉक्टर चेकअप करते हैं तो दिक्कत नहीं होती है। इसमें कुछ गलत नहीं है, कई डॉक्टर तो दवाओं के नाम टाइप करते हैं। साथ ही इससे हैंडराइटिंग की भी समस्या नहीं रहती है। मेडिसिन विभाग में कोई नर्स सील नहीं लगाती है, हम खुद ही लगाते हैं।
डॉ. डीके शर्मा, वरिष्ठ चिकित्सक मेडिसिन विभाग जिला अस्पताल
सीएमएचओ डॉ. एसएस जादौन से सीधी बातः
प्रश्नः पर्चे पर दवाओं की सील लगाई जा रही है, क्या यह तरीका सही है?
उत्तरः नहीं ऐसा कोई नियम नहीं है।
प्रश्नः पर्चे पर दवा लिखने का नियम क्या है?
उत्तरः अपनी हैंडराइटिंग एवं साफ-साफ दवाई लिखना जरूरी है। जिससे केमिस्ट के साथ ही हर व्यक्ति आसानी से समझ सके।
प्रश्नः ऐसे चिकित्सकों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी?
उत्तरः हम निरीक्षण करेंगे और यदि इस प्रकार की गड़बड़ी मिली तो कार्रवाई की जाएगी।