नप्र, अलीगढ़/ग्वालियर। नई कार में गारंटी अवधि के दौरान ही खराबी आ गई, जिसके चलते हार्डवेयर व्यापारी को परेशानी का सामना करना पड़ा। मरम्मत के बाद बार-बार समस्या उत्पन्न होने के बावजूद कंपनी ने कोई सुनवाई नहीं की। इस पर जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग ने पीड़ित के हक में निर्णय सुनाते हुए कंपनी को एक माह में कार बदलकर नई कार देने या उसकी कीमत का भुगतान ब्याज समेत करने के आदेश दिए हैं।
आइटीआइ रोड स्थित इंडस्ट्रियल एस्टेट के हार्डवेयर व मूर्ति व्यापारी किशन गोपाल शर्मा ने ग्वालियर के गांव नौ गांव शिवपुरी लिंक रोड के श्री तुलजा भवानी आटोमोबाइल्स प्राइवेट लिमिटेड व कर्नाटक के रामनगर जिले के बिदादी इंडस्ट्रियल एरिया स्थित टोयोटा किर्लोस्कर मोर्टर्स प्राइवेट लिमिटेड हेड आफिस के विरुद्ध वाद दायर किया था। इसमें कहा था कि उन्होंने 21 मार्च 2022 को टोयोटा इनोवा क्रिस्टा 24 वीएक्स 85 (एक्सएल) कार (यूपी 81 सीएक्स 3080) ग्वालियर की कंपनी से खरीदी थी। इसकी तीन वर्ष की वारंटी दी गई। 17 मार्च 2023 को किशन व्यापारिक दौरे पर हिमाचल प्रदेश जा रहे थे।
तभी रास्ते में कार का इंजन अचानक अत्यधिक गर्म हो गया। उसे बिना मरम्मत कराए बिना आगे ले जाना संभव नहीं था। कुल्लू में कंपनी के पंजीकृत सर्विस सेंटर पर कार को दिखाया तो बताया गया कि डीपीएफ फिल्टर जाम होने के चलते कार गर्म हो रही है। हर दो सौ से तीन सौ किलोमीटर चलने पर यह समस्या आएगी। देरी से पहुंचने के चलते उनकी बैठक रद हो गई। कार की मरम्मत कराने के बाद लौट आए। छह सितंबर 2023 को वही समस्या फिर आई। इस पर यहां सेंटर पर मरम्मत कराई गई। आश्वासन दिया गया कि अब भविष्य में दोबारा समस्या नहीं आएगी।
लेकिन, इसी वर्ष चार फरवरी को नोएडा में खराबी आ गई। इसके बाद लगातार कई बार दिक्कत आती रही। रामपुर स्थित हेड आफिस के ई-मेल पर संपर्क किया, मगर समाधान नहीं हुआ। मामले में आयोग के अध्यक्ष व न्यायाधीश हसनैन कुरैशी, सदस्य आलोक उपाध्याय व पूर्णिमा सिंह राजपूत की पीठ ने सुनवाई की। हेड आफिस की ओर से जबाव दिया गया कि परिवादी ने कम समय में कार को इतना व्यापक रूप से चला लिया है। फिर भी वाहन में कोई कमी नहीं आई है। कार के डीपीएफ आटो रीजनरेशन के समय वाहन के इंजन का गर्म होना सामान्य प्रक्रिया है।
लेकिन, आयोग ने माना कि बार-बार समस्या आने के चलते व्यापारी को आर्थिक क्षति हुई है। आदेश दिया कि कार बेचने वाली ग्वालियर की फर्म व कर्नाटक की निर्माता फर्म एक माह में कार बदलकर नई दें, या उसकी कीमत 22 लाख 70 हजार 178 रुपये अपील दायर करने की तिथि से नौ प्रतिशत ब्याज के साथ दें। साथ ही पांच लाख रुपये आर्थिक क्षति व 35 हजार रुपये वाद व्यय के रूप में भुगतान करें। अगर 30 दिन में भुगतान न किया तो 12 प्रतिशत ब्याज भरनी होगी।