Jayka in Gwalior: बारिश में लोगों को रिझाती है स्वादिष्ट राज कचौड़ी
भारतवर्ष की संस्कृति और विविधताओं के लिये विश्व में मशहूर होने के साथ ही यहां की कला,संस्कृति और परंपराओं के अलावा भारत खान-पान के लिये भी दुनिया भर में अपनी अलग पहचान रखता है। यहां के खानपान का अपना अलग स्वाद है,जो पूरी दुनिया में बहुत पसंद किया जाता है। बारिश के मौसम में चाट के शौकीन लोगों को कचौड़ी बहुत पसंद आती है।
Publish Date: Sat, 06 Jul 2024 02:04:27 PM (IST)
Updated Date: Sat, 06 Jul 2024 02:04:27 PM (IST)
HighLights
- बारिश में चाट के शौकीन लोगों को कचौड़ी बहुत पसंद आती है
- अलग-अलग तरह की कचौड़ी में राज कचौड़ी की बात ही कुछ और होती है
- राज कचौड़ी का स्वाद थोड़ा खट्टा,मीठा और तीखा होता है
ग्वालियर. नईदुनिया प्रतिनिधि। भारतवर्ष की संस्कृति और विविधताओं के लिये विश्व में मशहूर होने के साथ ही यहां की कला,संस्कृति और परंपराओं के अलावा भारत खान-पान के लिये भी दुनिया भर में अपनी अलग पहचान रखता है। यहां के खानपान का अपना अलग स्वाद है,जो पूरी दुनिया में बहुत पसंद किया जाता है। बारिश के मौसम में चाट के शौकीन लोगों को कचौड़ी बहुत पसंद आती है।
कई प्रकार से बनाई गईं अलग-अलग तरह की कचौड़ी में राज कचौड़ी की बात ही कुछ और होती है।राज कचौड़ी का स्वाद थोड़ा खट्टा,मीठा और तीखा होता है। चाट में अपना जायका बदलने के लिये राज कचौड़ी सबसे खास जगह रखती है। उत्तर भारत में पसंद की जाने वाली राज कचौड़ी ग्वालियर में सिटी सेन्टर स्थित अलफान्जो आउटलेट पर उपलब्ध होती है। यहां तैयार राज कचौड़ी का स्वाद लोगों को बरबस ही खींच लाता है।
12 वर्ष पहले सिटी सेन्टर में इंजीनियर संजीव गोयल ने बेहतरीन स्वाद के लिये मल्टी डिश उपलब्ध कराने के लिये मिठाई और चाट का आउटलेट खोला। उनका कहना है कि शहर में मिठाई और चाट का कोई अच्छा आउटलेट नहीं था। कुछ गिने चुने स्टाल पर ही जाना पड़ता था,इसलिये उन्होंने अपने करियर से अलग हटकर स्वाद का कार्नर शुरू किया। यहां उत्तराखण्ड से कारीगरों को बुलाकर व्यंजन का स्वाद उपलब्ध कराया।
कुछ इस तरह तैयार होती है स्वास्थ्य राज कचौड़ी
- इस स्टाल की सबसे खास राज कचौड़ी बहुत मशहूर है। यह एक तरह से गोलगप्पे का ही बड़ा रूप है। राज कचोरी बनाने के लिए सबसे पहले मैदा में सूजी नमक बेकिंग सोडा और एक चम्मच तेल मिलाकर गोल पूड़ी तैयार करते हैं। अब एक पेन में तेल गर्म करके मैदा और सूजी से पूड़ी बनाकर कचोड़ी को तला जाता है। हल्का कत्थई रंग होने पर उसे बाहर निकाल कर प्लेट में रख कर कचौड़ी को पानी पूरी की तरह फोड़ कर उसमें मूंग और चना दाल से तैयार भल्ला रखा जाता है।
इसके ऊपर इमली से तैयार मीठी चटनी और हरा धनिया,पालक,पोदीना और हरी मिर्च से तैयार हरी चटनी को डाला जाता है। इसके बाद इस पर दही डालकर अनार के दाने और बारीक कटा हुआ चुकंदर डालते हैं। स्वाद के लिये विशेष प्रकार के तैयार मसाला डालकर स्वादिष्ट राज कचौड़ी तैयार की जाती है। राज कचौड़ी तैयार करने के लिये मैदा की पपड़ी,चना,आलू और दही बड़ा का भी उपयोग किया जाता है।