Kartik month 2021: विजय सिंह राठाैर, ग्वालियर नईदुनिया। हिंदू पंचांग में पूर्णिमा तिथि के अनुसार माह की तारीख बदलती है। जिसके अनुसार कार्तिक महा हिंदी वर्ष का आठवां महीना होता है और चतुर्मास में आने वाले 4 महीने में चौथा महीना होता है। इस बार इसकी शुरुआत रेवती नक्षत्र और हर्षल योग के साथ हो रही है। इस महीने में कई बड़े त्योहार पड़ेंगे। यह महीना काफी महत्वपूर्ण माना जाता है और इसकी शुरुआत शरद पूर्णिमा के अगले दिन से होती है। ग्रंथों के अनुसार इस महीने मे तामसिक भोजन से दूर रहना चाहिए। कार्तिक महीना इस बार 20 अक्टूबर से 19 नवंबर तक रहेगा।
बालाजी धाम काली माता मंदिर के ज्योतिषाचार्य सतीश सोनी के अनुसार इस पवित्र महीने में मंदिरों में धार्मिक अनुष्ठान होते हैं। श्रद्धालु तुलसी शालिग्राम का पूजन करेंगे और देव आराधना के साथ धन-संपत्ति, व्यापार, कारोबार वृद्धि के लिए पूजा अर्चना कर कामना करेंगे। कार्तिक माह में महिलाओं के पर्व सबसे ज्यादा आते हैं। 24 अक्टूबर रविवार से प्रमुख पर्व की शुरुआत करवा चौथ के साथ हो रही है। सुहागिन महिलाओं के लिए यह सबसे बड़ा पर्व होता है। इसके बाद स्कंद षष्ठी, रमा एकादशी, गोवत्स द्वादशी व्रत के साथ सुहाग का पर्व रूप चौदस, सुहागा पड़वा, आमला नवमी जैसे पर्व भी महिलाओं से जुड़े होते हैं।
कार्तिक मास में क्या करेंः स्कंद पुराण के अनुसार कार्तिक मास में सुहागिन महिलाएं एवं अविवाहित लड़कियां ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नदी, कुआं पर जाकर अथवा घर पर पानी में गंगा जल मिलाकर पूरे महीने स्नान करती हैं। इसके साथ ही कार्तिक मास में तुलसी पूजन का विशेष महत्व होता है। वहीं कार्तिक मास में भगवान विष्णु निद्रा से जागते हैं और सर्वप्रथम हरीवल्लभा यानी तुलसी की पुकार सुनते हैं। कार्तिक मास के पूरे माह में नियम पूर्वक तुलसी में दीपदान करना चाहिए। इससे जीवन का अंधकार दूर होता है और सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति होती है। शास्त्रों में कार्तिक मास को जप, तप, दान, धर्म का महीना कहा गया है। इस माह में अन्न, वस्त्र, गौदान आदि का दान देने का विशेष महत्व होता है।