झांसी मंडल के धौलपुर-बीना रेलखंड में लगेगा कवच, 230 करोड़ से होगा काम
धौलपुर-बीना रेलखंड में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से लैस कवच सिस्टम लगाने की तैयारी की जा रही है।अब कवच 4.0 के अंतर्गत आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर आधारित तकनीक का उपयोग होगा। यह मानवीय चूक से निपटने में भी सक्षम होगा।इसमें तारों के जाल की आवश्यकता नहीं होगी और वर्ष 2026 तक कवच का काम पूरा कर लिया जाएगा।
Publish Date: Fri, 27 Sep 2024 09:07:55 AM (IST)
Updated Date: Fri, 27 Sep 2024 09:07:55 AM (IST)
ट्रेनों हादसों को कम करेगा कवच। सांकेतिक चित्र।HighLights
- आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से लैस कवच सिस्टम लगाने की तैयारी की जा रही
- अभी तक स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली आमने-सामने की टक्कर को रोकने का करती है काम,
- यह स्वचलित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली मानवीय चूक से निपटने में भी सक्षम, कम होंगे हादसे
नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर: झांसी मंडल के धौलपुर-बीना रेलखंड में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से लैस कवच सिस्टम लगाने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए रेलवे ने 230 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं और अगले माह से इसका काम शुरू करने के प्रयास किए जा रहे हैं। अभी तक स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली आमने-सामने की टक्कर को रोकने का काम करती है। अब कवच 4.0 के अंतर्गत आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर आधारित तकनीक का उपयोग होगा। यह मानवीय चूक से निपटने में भी सक्षम होगा।
इस कार्य के अंतर्गत रेड सिग्नल पर यदि चालक ट्रेन को नहीं रोकता है, तो कवच 4.0 रोक देगा। रेलवे क्रासिंग से निकल रहे राहगीरों को हार्न बजाकर सचेत करेगा। धौलपुर से बीना के बीच 316 किमीमीटर लंबे रेलमार्ग पर कवच स्थापित किया जाएगा। इस काम को उप मुख्य सिग्नल एवं दूरसंचार अभियंता अमित गोयल के नेतृत्व पूरा किया जाएगा। इसमें तारों के जाल की आवश्यकता नहीं होगी और वर्ष 2026 तक कवच का काम पूरा कर लिया जाएगा।
यह कवच सिस्टम इंटरनेट से जुड़ा रहेगा। इसके लिए धौलपुर से बीना के बीच 80 एलटीई टावर लगाए जाएंगे। इसके अलावा हर चार किमी की दूरी पर एक इथोल्यूशन टावर लगाए जाएगा। इससे ट्रेन की हर गतिविधि पर नजर रखी जा सकेगी। रेलवे ट्रैक के अलावा ट्रेन को कवच से जोड़ने के लिए ट्रेन के इंजन पर भी एक टावर लगागा जाएगा। इसके साथ ही एआइ डिवाइस भी इंजन में लगाई जाएगी। सीमेंट के स्लीपर में भी हर एक किमी के फासले पर डिवाइस लगाई जाएगी। जब भी ट्रेन उस स्लीपर के ऊपर से निकलेगी, तो उसकी जानकारी कंट्रोल रूम तक अपने आप पहुंच जाएगी।
क्या है कवच 4.0
- कवच सिस्टम रेलवे ट्रैक पर ट्रेनों का सुरक्षित तरीके से संचालन करेगा। यह प्रणाली देश में पहली बार सर्वप्रथम सवाई माधोपुर से कोटा के बीच 108 किलोमीटर की दूरी में स्थापित की गई है। रेलवे ने कवच 4.0 के तहत एक ऐसा स्वचालित सिस्टम तैयार किया है, जिसमें ट्रेन की निर्धारित गति से दो किमी प्रतिघंटा से अधिक की गति होने पर कवच ओवर स्पीड अलार्म बजाएगा। ट्रेन की निर्धारित गति से पांच किमी प्रतिघंटा से ज्यादा होने पर आटोमैटिक ब्रेक लग जाएंगे।
वहीं ट्रेन की निर्धारित गति से नौ किमी प्रतिघंटा से ज्यादा होने पर पर इमरजेंसी ब्रेक लग जाएंगे। कवच सिस्टम पर इंटरलाकिंग लगाई गई है, जिससे अगले सिग्नल को पढ़कर उसकी जानकारी को रेडियो तरंगों के माध्यम से सीधे इंजन में प्रदर्शित कर देगा। इससे 160 किमी की रफ्तार में पायलट को सिग्नल पढ़ने में सुविधा होगी। उसे लाइन पर लगे सिग्नल पर निर्भर नहीं होना पड़ेगा।