Kuno festival: वरुण शर्मा. ग्वालियर। चीतों की धरती पर 17 दिसंबर से शुरू होने जा रहे कूनो उत्सव में बाघों की दहशत है। चीतों की मौजूदगी के साथ पहली बार आयोजित होने जा रहे कूनो महोत्सव के लिए अभी बड़े बाड़े में मौजूद जिन चीतों को खुले जंगल में छोड़ने की तैयारी की जा रही है, वह अब जंगल में नहीं छोटे बाड़े में छोड़े जाएंगे। 16 दिसंबर को एक से दो चीतों को छोटे बाड़े में शिफ्ट कर दिया जाएगा। इसके बाद धीरे-धीरे संख्या बढ़ाएंगे।
कूनो नेशनल पार्क में बाघों की मौजूदगी के निशान खत्म न होने पर कूनो प्रबंधन की यही तैयारी है। बाघों की मौजूदगी से चीतों की ट्रैकिंग में लगे वनरक्षक भी भयभीत हैं, हाल ही में अलग-अलग जगहों पर बाघों की मौजूदगी देखी गई जिनकी संख्या एक या दो नहीं तीन बताई जा रही है। नेशनल पार्क के पालपुर, दुरेड़ी, नीमखोह और मानक चौक इन क्षेत्रों में बाघों को देखा गया है, जो पार्क के बीचों बीच है। यहां से चीतों का बड़ा बाड़ा भी पास है, इसलिए वन अधिकारी चिंता में हैं। कूनो उत्सव 16 से 23 दिसंबर तक है, जिसके पूरे होने के बाद अगर बाघों का मूवमेंट नहीं दिखा तो चीते खुले जंगल में छोड़े जाएंगे। बाघों की मौजूदगी को लेकर चीता ट्रैकिंग में लगे स्टाफ ने वन अधिकारियों को लिखित आवेदन भी दिया है।
कूनो उत्सव में आने वाले पर्यटकों को दो ग्रुप में बांटा जाएगा। एक ग्रुप पर्यटन का होगा और दूसरा वन्यजीव का। इसमें लेक्चर सेशन होगा और जैव विविधता से लेकर पर्यावरण संरक्षण और संर्वधन पर चर्चा होगी। पर्यटकों के लिए रोमांच होगा और भ्रमण भी कराया जाएगा। 50 टेंट लगाकर टेंट सिटी तैयार की गई है।
जंगल में छोड़ दिए जाएंगे चीते बता दें कि श्योपुर जिले में आने वाले कूनो नेशनल पार्क में वर्तमान में 14 चीते व एक शावक चीता मौजूद हैं। सभी को बड़े बाड़े में रखा गया है। इन चीतों को गले में इंफेक्शन हो जाने के कारण यहां एहतियातन रखा गया है। कूनो के खुले जंगल में छोड़ने की तैयारी चल रही है लेकिन जंगल में आए बाघों के कारण कूनो प्रबंधन चिंता में पड़ गया है। कूनो उत्सव के रोमांच में कमी न रहे इसी कारण छोटे बाड़े में चीतों को छोड़ा जा रहा है। उत्सव खत्म होने के बाद अगर बाघों की मौजूदगी नहीं रही, तो जंगल में चीतों को छोड़ दिया जाएगा। अब चीतों को कूनो उत्सव से पहले जंगल में छोड़े जाने की संभावना कम है।