नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर : बेटे की वंश वृद्धि के लिए पोते की आस लगाए बैठी प्रेमलता को अपनी दुधमुंही नातिन की गला घोंटकर हत्या करने के मामले में चतुर्थ दशम अपर जिला एवं सत्र न्यायालय ग्वालियर ने दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
न्यायालय ने महिला को सजा सुनाते हुए कहा कि जिन परिस्थितियों में यह अपराध किया गया, उसमें आरोपित की क्या मानसिकता थी, इस बात पर गौर करते हुए और कन्या भ्रूण हत्या की प्रवृति को बढ़ने से रोकने के चलते आरोपित के प्रति नरम रुख नहीं अपनाया जा सकता।
वहीं शासन की ओर से पैरवी करने वाले अपर लोक अभियोजक ने कोर्ट के समक्ष कहा कि दुधमुंही नातिन की कंबल में गला दबाकर हत्या करने वाली दादी इस समाज के लिए धब्बा है, जिस पर समाज को मंथन करना जरूरी है। न्यायालय ने मामले की सुनवाई पूरी होने पर अपना फैसला सुनाते हुए महिला को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
प्रकरण के अनुसार, कंपू थाना क्षेत्र के इस मामले में बहोड़ापुर में रहने वाली काजल चौहान ने 23 मार्च को कमलाराजा अस्पताल में बेटी को जन्म दिया था। वह बच्ची एक पैर से दिव्यांग थी। उसकी सास प्रेमलता चौहान को वंश बढ़ाने के लिए पोता चाहिए था। 27 मार्च को अस्पताल में सास उस बच्ची को अपने साथ लेकर सोई थी।
अगली सुबह मां ने बच्ची को मांगा तो सास ने देने से मना कर दिया। बहस हुई तो बच्ची की मां ने मायके वालों को बुला लिया। उन्होंने सास से बच्ची को छीनकर देखा तो उसके शरीर में हलचल नहीं थी। जब डाक्टर के पास लेकर गए तो उन्होंने बच्ची को मृत घोषित कर दिया।