अमित मिश्रा. नईदुनिया ग्वालियर: स्कूल-कालेज के समय हाकी में कप्तानी का मौका मिला। हाकी से लगाव रहा। यही कारण है कि क्रिकेट से ज्यादा हाकी पसंद है। आज के टेक्नोफ्रेंडली जमाने में तकनीक से पूरी तरह अपडेट, फिल्मों का शौक है और गंभीर विषयों पर बनी वेबसीरीज जरूर देख लेते हैं।
उन्हें कुकिंग बिलकुल नहीं आती लेकिन नई डिशेज व इनोवेटिव डिशेज पसंद हैं। सबसे पसंदीदा तवा फिश फ्राय है। सुबह सैर नहीं की तो चैन नहीं आता है, भले ही रात को सोने में दो ही क्यों न बज जायें। यहां बात हो रही है ग्वालियर रेंज के आइजी अरविंद सक्सेना की। उनका कहना है कि पुलिसिंग उनके खून में है, यही बात उन्हाेनें साक्षात्कार के दौरान भी कह दी थी।
जवाब: मेरे खून में पुलिसिंग है, आप सुनकर चौंकिए मत। ऐसा मैं इसलिए कह रहा हूं, क्योंकि मेरे पिता पुलिस अधिकारी थे। उन्हें उत्कृष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार भी मिला। आप हैरान रह जाएंगे, जब मप्र लोक सेवा आयोग की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद साक्षात्कार में मुझसे पूछा गया कि पुलिस में क्यों आना चाहते तो मेरा यही जवाब था- मेरे खून में पुलिसिंग है। पैनल बहुत प्रभावित हुआ था।
जवाब: शासन का निर्णय है, जहां काम ले। इस दौरान रीजनल ड्राइविंग सेंटर, जिला ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर, आटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन, आरव्हीएसएफ सेंटर खोलने की प्रक्रिया में तेजी लाई। चेक पोस्ट बंद करने से पहले पूरा अध्ययन कर रिपोर्ट सरकार को सौंपी।
जवाब: रीडिंग मेरी हाबी है। मुझे आटोबायोग्राफी और कानून की किताबें पढ़ना पसंद हैं। कानून के नए प्रावधान, संशोधन, नए कानून के बारे में पुलिस में अपडेट रहना ही होगा। इसलिए अध्ययन सबसे ज्यादा जरूरी है। मेरे यहां सुबह छह अखबार आते हैं, तीन हिंदी व तीन अंग्रेजी।
जवाब: पुलिसिंग में ऐसा समय बहुत ही कम मिलता है, जब आप खुद की सेहत का ध्यान रख सकें। लेकिन मेरे साथ उल्टा है। मैं रात को भले ही 2 बजे बिस्तर पर जाऊं, लेकिन सुबह 6 से 7 बजे के बीच मैं जाग जाता हूं और सुबह की सैर जरूर करता हूं।