- जयंती महोत्सव आजनशहर के सभी दत्त मंदिरों में सुबह से शुरू हो जाएंगे विशेष कार्यक्रम
Lord Dattatreya Jayanti: ग्वालियर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। नगर में बुधवार को भगवान श्री दत्तात्रेय की जयंती श्रद्घाभाव के साथ मनाई जाएगी। शहर में स्थित दत्त मंदिरों में इस दिन के लिए विशेष तैयारियां हो चुकी है। सुबह के समय भगवान दत्तात्रेय का सुबह चार विशेष श्रृंगार किया जाएगा। महाराज बाड़ा सहित नगर के अन्य मंदिरों में भक्त खासी संख्या में भगवान के दशर्न करने के लिए पहुंचेंगे। महराज बाड़ा स्थित श्री दत्तमंदिर में उपेंद्र शिरगावकर द्वारा भगवान की जन्मकथा सुनाई जाएगी। इसके बाद भक्तों को प्रसाद वितरित कर सात दिवसीय महोत्सव का समापन होगा। भगवान दत्तात्रेय जयंती शुभ मनाई जाएगी: बुधवार को पूर्णिमा सिद्घ योग में भगवान दत्तात्रेय जयंती मनाई जायेगी। शुभयोग में भगवान दत्तात्रेय की पूजा-अर्चना होगी।
सेवा मंडल की स्थापना
श्री दत्तसेवा मंडल की स्थापना बीस वर्ष पूर्व 2002 में हुई थी। मंडल की स्थापना से ही प्रतिवर्ष श्रावण मास में कीर्तन का आयोजन किया जाता है। इसमें महाराष्ट्र व अन्य राज्यों के विद्वान कीर्तनकार प्रस्तुति देते हैं। इसके अलावा कोजगिरी व अन्य आयोजित किए जाते हैं। गुरुवार को मराठी समाज के साथ अन्य लोग भी श्रद्घापूर्वक दर्शन करने के लिये आते हैं। चने की दाल, गुड़ साथ पीले फूल किए जाते हैं।
1928 में किया था महाराज बाड़ा स्थित दत्तमंदिर का निर्माण
महाराज बाड़े पर स्थित श्री दत्त मंदिर की गिनती अंचल में ही नहीं, प्रदेश के प्रमुख श्रीदत्त मंदिरों में होती हैं। नगर के य्दयस्थल पर दत्त मंदिर की स्थापना स्वर्गीय लेडी लक्ष्मीबाई जाधव ने वासुदेवानंद सरस्वती महाराज के सानिध्य में 1928 में विधि-विधान के साथ अपनी संपत्ति मंदिर को दान कराई थी। मंदिर का निर्माण कराने की प्रेरणा भी सरस्वती महाराज ने दी थी। भगवान दत्तात्रेय को ब्रह्मा, विष्णु और महेश का रूप माना गया है। उनमें ईश्वर व गुरु दोनों रूप में समाहित हैं। इसी कारण इन्हें गुरुदेव दत्त कहा गया है। मंदिर के व्यवस्थापक एम पुष्पकार व प्रवक्ता निशिकांत सुरंगे ने बताया कि मंदिर की स्थापना से ही श्री दत्त जयंती महोत्सव मनाया जाता रहा है। साथ ही वासुदेवानंद सरस्वती की पुण्यतिथि भी मनाई जाती है।