ग्वालियर. नईदुनिया प्रतिनिधि। मर्म चिकित्सा आयुर्वेद का एक महत्वपूर्ण अंग है। मर्म शरीर का संधि स्थल है जहां दो या दो से अधिक उत्तक मिलते हैं जैसे मासपेशियां , नस ,हड्डियाें के जोड़ या अस्थिबंध। यह जोड़ 107 प्रकार के है और 108 वां जोड़ मन को कहा गया है। मर्म चिकित्सा में 107 केंद्र मुख्य मर्म केंद्र माने गए हैं जो शरीर में ऊर्जा के केन्द्र हैं। जबकि मुख्य केंद्र धड़ को माना गया है। जब इन केंद्रों पर ऊर्जा बाधित होती है तो शरीर में गंभीर बीमारी या मृत्यु का कारण बनता है। यदि इन मर्म केंद्रों पर सही दबाव डाला जाए तो वह सकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ जाता है जिससे शरीर में उत्पन्न दर्द या बीमारी समाप्त हो जाती है। इन्हीं केन्द्रों के प्रारुप को विस्तारपूणर्वक आयुर्वेद के महानग्रंथ सुश्रुत संहिता में बताया गया है। जिसके आधार पर आयुर्वेद कालेज में उपचार दिया जाना शुरू किया गया है। आयुर्वेद डा प्रवेश मिश्रा का कहना है कि शरीर में मर्म स्थल में ही शरीर की बीमारी को जन्म देने व नष्ट करने की क्षमता होती है। इसलिए जो व्यक्ति इन मर्म के बारे में समझ लेता है वह बीमारियों से दूर रहता है।
आयुर्वेद में शरीर के 107 मर्म केंन्द्र स्थित है-
शरीर के निचले हिस्से में-22 केंद्र
भुजाओं में-22 केंद्र
छाती और पेट में -12 केंद्र
पीठ पर 14 केंद्र
सिर व गर्दन पर-37 केंद्र
इस तर से दी जाती मर्म चिकिसा-
आयुर्वेद कालेज के डाक्टर प्रवेश मिश्रा हाल ही में केरल से मर्म चिकित्सा की पढ़ाई कर लौटे हैं। डा प्रवेश का कहना है कि अब आयुर्वेद कालेज में मर्म चिकित्सा से मरीज का उपचार किया जाएगा। जिसमें मरीज को शरीर के सभी 107 केंन्द्रों के बारे में जानकारी दी जाएगी जिनमें बाधा उत्पन्न होने पर बीमारी उत्पन्न होती है। जिससे व्यक्ति खुद मर्म केंद्रों को स्पर्श कर सकारात्मक ऊर्जा का संचार कर शरीर का संतुलन बना सकेगा और बीमारी से बचेगा।
मर्म चिकित्सा का लाभ-
डा प्रवेश का कहना है कि मर्म चिकित्सा कई स्तरों पर काम करती है। शारीरिक, मानसिक, भानात्मक और आध्यात्मिक रुप से असाधारण बदलाव लाती है। मर्म चिकित्सा से पुराने व असहीनीय दर्द से राहत दिलाता है,शरीर की आंतरिक सफाई करता है, शरीर के अंगों की कार्य क्षमता को बढ़ाता है, पाचन तंत्र,श्वसन प्रणाली,स्नायुतंत्र तथा मानसिक स्वास्थ्य में सुधार लाती है। इससे त्वचा स्वस्थ्य एवं कांतिमय होती है, शरीर के तापमान तथा त्रिदोशों में संतुलन बनाए रखती है, सिरोटिन ,मेलाटोनिन को स्त्रावित करता है। जिससे बोध क्षमता और गहरी नींद में सुधार होता है।