गुजरात के माइकल ने यूपी में फैलाया किराये के खातों का नेटवर्क
बता दें कि ग्वालियर के थाटीपुर स्थित रामकृष्ण मिशन आश्रम के सचिव स्वामी सुप्रदिप्तानंद को ठगों ने 17 मार्च से 11 अप्रैल के बीच डिजिटल अरेस्ट किया था। नासिक पुलिस का इंस्पेक्टर बनकर ठग ने डराया-धमकाया और आश्रम के खातों से 26 दिनों में दो करोड़ 52 लाख 99 हजार रुपये देशभर के अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर करा लिए।
Publish Date: Sat, 17 May 2025 07:56:39 PM (IST)
Updated Date: Sat, 17 May 2025 10:48:12 PM (IST)
डिजिटल अरेस्ट मामले में अब आरोपियों की धरपकड़ शुरू।HighLights
- गरीबों और बेरोजगार छात्रों को बनाया मोहरा।
- मामले में 19 आरोपित गिरफ्तार हो चुके हैं।
- पूछताछ के लिए अब 5 दिन की रिमांड पर।
नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। रामकृष्ण मिशन आश्रम के सचिव को डिजिटल अरेस्ट कर 2.53 करोड़ रुपये ठगने के मामले में उप्र से जो दस आरोपित पकड़े गए हैं। उनमें रवि उर्फ माइकल और सचिन गुप्ता मुख्य कड़ी हैं। रवि उर्फ माइकल मूल रूप से गुजरात के वलसाड का रहने वाला है। वह लखनऊ आया और यहां उसने किराये के खातों का नेटवर्क फैलाया। गरीबों और बेरोजगार छात्रों को उसने मोहरा बनाया। अब तक इस मामले में 19 आरोपित गिरफ्तार हो चुके हैं। सचिन गुप्ता, रवि उर्फ माइकल सहित उप्र से पकड़े गए दस आरोपितों को पुलिस ने कोर्ट में पेश किया। यहां से इन्हें पूछताछ के लिए पांच दिन की रिमांड पर लिया है।
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- बता दें कि ग्वालियर के थाटीपुर स्थित रामकृष्ण मिशन आश्रम के सचिव स्वामी सुप्रदिप्तानंद को ठगों ने 17 मार्च से 11 अप्रैल के बीच डिजिटल अरेस्ट किया था।
- नासिक पुलिस का इंस्पेक्टर बनकर ठग ने डराया-धमकाया और आश्रम के खातों से 26 दिनों में दो करोड़ 52 लाख 99 हजार रुपये देशभर के अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर करा लिए।
- पुलिस ने इस मामले में उज्जैन से छह व दिल्ली से चार लोगों को गिरफ्तार किया था। जांच आगे बढ़ी तो पता चला कि ठगी की रकम में से तीस लाख रुपये लखनऊ की रुद्राक्ष एंटरप्राइज के खाते में जमा कराए गए थे।
यह कंपनी लखनऊ के अलीगंज स्थित मकान नंबर 532 क/27 पांडेकोला निवासी सचिन पुत्र सत्यनारायण गुप्ता के नाम पर थी।
ग्वालियर पुलिस ने जब सचिन को गिरफ्तार किया तो नौ और लोगों के नाम सामने आए थे। ![naidunia_image]()
- जिन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। इस मामले में भी ठगी की रकम की क्रिप्टो ट्रेडिंग हुई थी। यह राजफाश उप्र की दस सदस्यीय गैंग के पकड़े जाने पर हुआ।
- लखनऊ से पकड़े गए रवि उर्फ माइकल ने उप्र के लखनऊ, लखीमपुर खीरी, गोरखपुर, कानपुर सहित कई अन्य जिलों में अपना नेटवर्क फैलाया।
- वह गांवों में जाकर गरीब और बेरोजगार छात्रों को टारगेट करता था। कम पढ़े लिखे लोगों को वह झांसा देता था कि उन्हें सरकारी स्कीम का लाभ दिलाएगा। इसके लिए खाता खोलना है।
- इसके बाद एकमुश्त 30 हजार रुपये भी देता था। लोग लालच में खाते खुलवा लेते थे। सचिन को भी उसी ने फंसाया था। सचिन के नाम से फर्म खोली, उसका करंट खाता खोला।
- इसमें ठगी के 30 लाख रुपये ठगों ने भेजे। इसके बाद यह धन अलग-अलग खातों में बंटा, फिर क्रिप्टो ट्रेडिंग हुई।
सचिव से ठगी में भी कंबोडिया कनेक्शन
पुलिस जांच में सचिव के साथ हुई ठगी में भी कंबोडिया का कनेक्शन निकला है, जो काल आया था, वह कंबोडिया से आया फिर ठगी होने के बाद क्रिप्टो ट्रेडिंग हुई। क्रिप्टो ट्रेडिंग के जरिए विदेश तक धन भेजा गया। ठगी कंबोडिया से हुई, धन का बंदरबांट देश के अलग-अलग राज्यों के बैंक खातों से हुआ। फिर ठगी का धन विदेश गया।