
Monsoon in Gwalior: ग्वालियर. नईदुनिया प्रतिनिधि। मानसून ट्रफ लाइन हिमालय की तराई में स्थिर हो गई है। इसके हिमालय की तराई में जाने से हवा में नमी नहीं आ रही है। स्थानीय प्रभाव से भी बारिश नहीं हो रही है। उमस भरी गर्मी बढ़ना भी शुरू हो गई है। इसके कारण सावन जैसा महीना नहीं लग रहा है। मौसम विभाग के अनुसार चार दिन और इसी तरह की गर्मी का सामना करना पड़ेगा। अरब सागर व बंगाल की खाड़ी में मानसून सक्रिय हो रहा है, लेकिन 15 अगस्त के बाद ही सिस्टमों का असर दिखेगा और वर्षा के बाद लोगों को उमस भरी गर्मी से राहत मिल सकेगी।शहर में पिछले पांच दिन से आसमान से एक बूंद भी नहीं गिरी है।
आंशिक बादलों को छोड़ दें तो मौसम शुष्क है और काफी तेज धूप निकल रही है। इसके चलते नौ दिन बाद शुक्रवार को अधिकतम तापमान फिर से 35 डिग्री सेल्सियस के पार चला गया। इससे पहले एक अगस्त को अधिकतम तापमान 35.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। ग्वालियर में चार से छह अगस्त तक तीन दिन अच्छी बारिश हुई। इसके बाद से ही मानसून निष्क्रिय है। मौसम शुष्क रहने से तापमान बढ़ने लगा है। इस वजह से पिछले दिनों की अपेक्षा गर्मी ज्यादा हो रही है। मौसम विभाग के अनुसार इस समय मानसून की अक्षीय रेखा दक्षिण की ओर है जो अमृतसर, नजीराबाद, कानपुर, दरभंगा, जलपाईगुड़ी से द क्षिण-पूर्व की ओर मिजोरम तक जा रही है। राजस्थान के पश्चिमी भाग और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अलग-अलग चक्रवात बने हुए हैं, लेकिन इनका असर ग्वालियर-चंबल संभाग में नहीं है। 15 से 16 अगस्त के आसपास मानसून की अक्षीय रेखा उत्तर की ओर आएगी। इसी दौरान बंगाल की खाड़ी में नई मौसम प्रणाली विकसित होगी। इसके बाद ही बारिश की उम्मीद की जा सकती है। हालांकि इससे पहले तापमान बढ़ने की स्थिति में स्थानीय प्रभाव से संभाग में कहीं-कहीं हल्की बारिश हो सकती है।