
नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। मानसून संभवत आगामी 24 से 48 घंटे में अंचल से विदा हो जाएगा। लेकिन इस बार मानसूनी सीजन में वर्षा ने सौ साल से पुराने रिकॉर्ड तोड़े हैं। खास बात यह है भी कि इस बार वर्षा का ट्रेंड भी बदला है। इससे अंचल में बहुत सारी चीजों में बदलाव आया है और आगामी समय में यह बदलाव दिखाई देगा। एक जून से 30 सितंबर तक यानि 122 दिनों के सीजन में पिछले साल की तुलना में इस बार अधिक दिन बरसात हुई है। 2024 में जहां 63 दिन बरसात हुई थी वहीं इस बार 72 दिन हुई। लेकिन इस बार पानी अधिक वर्षा।
खास बात रही कि इस बार शहरी क्षेत्र में सबसे अधिक वर्षा 1414.4 मिमी हुई। वहीं ग्रामीण क्षेत्र के डबरा क्षेत्र में हुई 1200.6 मिमी दर्ज की गई। जबकि पूरे जिले की वर्षा का औसत 751.2 है और शहर की वर्षा का औसत 700 मिमी है।
पिछले कुछ सालों से वर्षा का ट्रेंड मानसून के आगमन के बाद जून में बहुत कम, जुलाई व अगस्त में अधिक व सिंतबर में फिर कम रहता था। लेकिन 2024 में जुलाई, अगस्त के साथ सितंबर भी ठीक-ठाक वर्षा हुई। लेकिन इस बार सर्वाधिक बरसा जून व जुलाई महीने में ही हो गई। अगस्त व सितंबर में कम वर्षा हुई। इस ट्रेंड की वजह से अंचल की फसल प्रभावित हुई और अन्य चीजों पर भी असर पड़ा।
ग्वालियर चंबल में मानसून 25 जून को दस्तक देता है। लेकिन इस बार सात दिन पहले 19 जून को मानसून ने दस्तक दी। अब जिस तरह से मानसून की वापसी हो रही है। उसे देखते हुए मौसम विभाग के वैज्ञानिकों का कहना है कि मानसून की विदाई तीन दिन पहले यानि 27 सितंबर तक हो सकती है।
ग्वालियर में 1935 में जुलाई महीने में 622 मिमी वर्षा हुई थी।
2025 से पहले तक एक महीने में इतनी वर्षा कभी नहीं हुई।
इस बार जुलाई में 797.7 मिमी वर्षा शहर में रिकॉर्ड की गई।
तिघरा डेम के 2014 में 14 बार गेट खोले गए थे।
2025 में तिघरा डेम के गेट रिकॉर्ड 19 बार खोले गए।
वीरपुर व अलापुर डैम के गेट तो पिछले 28 साल में नहीं खोले गए। लेकिन इस बार इन बांधों के गेटों को खोलकर पानी निकालना पड़ा।
साथ ही रमौआ डैम के गेट जरूर दूसरे साल खोले गए।
वर्ष- 2024- महीना- दिन- वर्षा
जून- 10- 145.3
जुलाई- 19- 334.2
अगस्त- 23- 307.7
सितंबर- 11- 401.7
वर्ष- 2025- महीना- दिन- वर्षा
जून- 18- 251.6
जुलाई- 24- 797.7
अगस्त- 19- 217.5
सितंबर- 11- 147.6
ब्लॉक- 2024 में वर्षा- 2025 में वर्षा
मुरार- 1197.4- 1414.4
चीनोर- 494.7- 974.9
घाटीगांव- 596.58- 1091.8
डबरा- 755.9- 1200.6
भितरवार- 747- 1192.6
यह भी पढ़ें- MP Weather Update: इंदौर, भोपाल सहित मध्य प्रदेश के 33 जिलों में आज गरज-चमक के साथ हो सकती है बारिश
ग्वालियर मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. हुकुम सिंह इस बार मानसून की शुरुआत यानि जून व जुलाई में ही अच्छी वर्षा हुई और इस बार वर्षा के दिन अधिक रहे। पिछले कई सालों में सर्वाधिक वर्षा इस बार हुई है। ऐसा पर्यावरण में आए बदलाव से संभव है। मानसून सात दिन पहले आया था और इसके तीन से चार दिन पहले ही विदाई हो सकती है। वर्षा के ट्रेंड में भी बदलाव आया है।