नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। ग्वालियर में मंगलवार को हुई लगातार बारिश ने शहर की तस्वीर ही बदल दी। सावन की झड़ी ने राहत से ज्यादा मुसीबत खड़ी कर दी। कई इलाकों में जलजमाव, ट्रैफिक जाम और घरों में पानी भरने की घटनाएं सामने आईं, जिससे लोगों का जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया।
बारिश की वजह से निचले इलाकों में पानी भर गया और कई सड़कें तालाब में तब्दील हो गईं। दीनदयाल नगर, आनंद नगर, आदित्यपुरम, ट्रांसपोर्ट नगर, नेहरू कॉलोनी, स्टेशन बजरिया, बाल भवन, फूलबाग और पड़ाव तिराहा जैसे क्षेत्रों में दो से तीन फीट तक पानी भर गया। नये पड़ाव आरओबी, सिंधिया कन्या विद्यालय रोड, मोती तबेला मार्ग, जागृति नगर, कुंदन नगर और पंत नगर जैसे क्षेत्रों में भी जलभराव से लोग घंटों जाम में फंसे रहे।
मुरार के नदी पार टाल क्षेत्र में ओमप्रकाश कुशवाह की जर्जर पाटौर बारिश की वजह से ढह गई। सौभाग्य से उस वक्त घर में कोई मौजूद नहीं था, जिससे बड़ा हादसा टल गया। हालांकि घरेलू सामान को काफी नुकसान पहुंचा।
बारिश का असर तिघरा जलाशय पर भी पड़ा। दोपहर 3 बजे बांध का जलस्तर 739.20 फीट तक पहुंच गया, जो खतरे की सीमा है। ऐसे में सभी सातों गेट खोल दिए गए ताकि अतिरिक्त पानी की निकासी की जा सके। अलर्ट जारी करते हुए डाउनस्ट्रीम के गांवों को सतर्क रहने को कहा गया है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, उत्तर-पश्चिम मध्यप्रदेश और पूर्वी राजस्थान में बने लो प्रेशर एरिया और पश्चिमी विक्षोभ के चलते प्रदेश में भारी वर्षा का दौर जारी रहेगा। ग्वालियर-चंबल संभाग के जिलों में अगले 24 घंटे में भारी से अति भारी बारिश की चेतावनी है। इसके लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
सुबह से ही बारिश शुरू हो गई थी जो देर रात तक चलती रही। इस दौरान लोगों को ऑफिस, स्कूल और जरूरी कामों के लिए निकलना मुश्किल हो गया। ट्रैफिक जाम के अलावा कई जगह पैदल चलना तक मुश्किल हो गया। कई इलाकों में लोग घरों में ही कैद होकर रह गए। बाजारों में भी सन्नाटा छाया रहा।