xनईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। सत्यम ट्रैवल्स के संचालक की पत्नी अनीता गुप्ता की लूट के लिए हत्या और शिक्षिका सरिता परिहार की चेन लूटने वाला सरगना आकाश जादौन इससे पहले मुरैना के अलावा अन्य जिलों में वारदात कर चुका है। मुरैना और अन्य जगह लूट करने के बाद उसने ग्वालियर को सुरक्षित ठिकाना बना लिया था। यहां पहले तो गैंगस्टर राहुल दूधिया के साथ रहा, फिर एक दूसरा ठिकाना बना लिया, लेकिन पुलिस के मुखबिर तंत्र को भनक तक नहीं लगी। उसके साथ मुरैना के और भी बदमाश शहर में रह रहे थे।
यह बदमाश छिपे भी नहीं थे, बाकायदा खुले में घूमते थे लेकिन पकड़े नहीं गए। नतीजन- बाहर के इन्हीं बदमाशों ने शहर में हत्या और लूट की वारदात कर शहर को दहला दिया। आकाश जादौन के अलावा सोहम जादौन भी मुरैना के सबलगढ़ में राजा की तोर का रहने वाला है। मयंक भदौरिया से आकाश की मुलाकात हो गई। मयंक बदमाश है। इसके बाद इन बदमाशों ने इस वारदात को अंजाम दिया।
ग्वालियर बाहरी बदमाशों की शरणस्थली बन चुका है। ग्वालियर में मुरैना और भिंड के बदमाश अक्सर वारदात कर जाते हैं। इनके लोकल कनेक्शन पर पुलिस काम नहीं करती। अगर लोकल नेटवर्क तोड़ दिया जाए और शहर के आउटर प्वाइंट पर कड़ी नाकाबंदी हो तो ऐसे बदमाश शहर में प्रवेश ही नहीं कर सकेंगे। जब मददगारों पर कड़ी कार्रवाई होगी तो जो लोग अभी बदमाशों को फरारी कटवाते हैं, उन्हें असलहा से लेकर रहने, खाने की सुविधाएं उपलब्ध कराते हैं। वह कार्रवाई के डर से पीछे हटने लगेंगे।
पुलिस को पता लगा है कि आकाश का परिवार आनंद नगर में रहता था। कुछ समय पहले यहां से दूसरी जगह शिफ्ट हो गया। आकाश के पिता का कहना है-उससे मतलब नहीं रखते।
मयंक भदौरिया की घेराबंदी में पुलिस लगी है। वह अब तक नहीं पकड़ा गया है। आकाश और सोहम भदौरिया साथ भागे थे। मयंक भी शातिर बदमाश है, उसकी घेराबंदी पुलिस ने शनिवार को भी कर ली थी लेकिन वह पुलिस के हाथ से फिसल गया। पुलिस अधिकारियों का कहना है- जल्द ही उस तक पहुंच जाएंगे।
इस घटना में फरियादियों से लेकर लोगों तक का कहना है- पुलिस ने पकड़ तो लिया है, लेकिन ऐसे बदमाशों के घरों पर बुलडोजर चले। इनके मददगारों के घरों पर बुलडोजर चले, ऐसे अपराधियों को आर्थिक, सामाजिक और हर तरह से कुचलने की जरूरत है। इससे इस तरह की वारदात करने की हिम्मत न जुटा सकेँ। जय गुप्ता ने कहा कि उनकी मां हमेशा के लिए चली गई। खुशियां छिन गई, लेकिन बदमाश अब जेल में रहेंगे। फिर छूट जाएंगे, ऐसे अपराधियों को फांसी की सजा हो, तब न्याय मिलेगा।
आकाश जादौन और उसकी गैंग सबलगढ़ में कारोबारियों से टैरर टैक्स वसूलने लगी थी। वहां इनसे कई लोग पीड़ित हैं। दुकानों के अंदर घुसकर जबरन सामान से लेकर कपड़े, जूते लेना। दुकानदारों से पैसे छीनना आम है। डर की वजह से कोई मुंह नहीं खोलता। अब आकाश और उसकी गैंग विवादित जमीनों के धंधे में उतरना चाहती थी। आकाश डान बनकर पैसा कमाना चाहता था। इसलिए लगातार वारदात कर रहा था।