नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। शहर में रिश्तों को तार-तार कर देने वाले दो जघन्य मामलों में न्यायालय ने कड़ा रुख अपनाते हुए दोषियों को कड़ी सजा सुनाई है। एक मामले में मामा ने अपनी नाबालिग भांजी से दुष्कर्म और भांजे से कुकर्म किया, जबकि दूसरे मामले में एक जीजा ने नौवीं में पढ़ने वाली नाबालिग साली के साथ कई बार दुष्कर्म किया।
पहले मामले में शिवा बाथम (उम्र 19 वर्ष) निवासी रक्षा विहार कॉलोनी को विशेष न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। न्यायालय ने उस पर 30 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। विशेष लोक अभियोजक आशीष राठौर ने बताया कि आरोपी ने बीते कई महीनों में अपने ही रिश्तेदार मासूम बच्चों को शिकार बनाया।
पीड़ितों की मां रक्षा विहार कॉलोनी में झाड़ू-पोंछा करने का काम करती है और सर्वेंट क्वार्टर में परिवार सहित रहती है। 19 फरवरी 2025 को भांजी ने अपनी मां को बताया कि शिवा मामा उन्हें चॉकलेट का लालच देकर अपने कमरे में बुलाता और फिर दरवाजा बंद कर कुकर्म करता था। उसने बताया कि उसके साथ तीन बार, जबकि उसके भाई के साथ पांच बार दुष्कर्म हुआ। प्रारंभ में बदनामी के डर से माता-पिता ने चुप्पी साधी, लेकिन बाद में साहस जुटाकर पुलिस में मामला दर्ज कराया। न्यायिक जांच और सबूतों के आधार पर दोष सिद्ध हुआ और आरोपी को सजा सुनाई गई।
दूसरा मामला बहोड़ापुर थाना क्षेत्र का है, जहां 20 नवंबर 2022 की रात को एक व्यक्ति ने अपनी नाबालिग साली को फोन कर गोदाम बुलाया और उसके साथ जबरन दुष्कर्म किया। इसके बाद दो बार और धमकी देकर शोषण किया गया। पीड़िता ने 19 मार्च 2023 को शिकायत दर्ज कराई।
इस मामले में विशेष लोक अभियोजक अनिल मिश्रा ने बताया कि त्रयोदशम जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश वंदना राज पांडे ने आरोपी को दोषी मानते हुए 20 साल का सश्रम कारावास सुनाया। साथ ही अदालत ने पीड़िता के माता-पिता को 2 लाख रुपये की प्रतिकर राशि देने का आदेश भी दिया।