नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। रेलवे बोर्ड की एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर हेरिटेज आशिमा मेहरोत्रा और डिप्टी डायरेक्टर हेरिटेज राजेश कुमार ने तानसेन रोड स्थित पुराने एरिया मैनेजर कार्यालय में बने नैरोगेज म्यूजियम का निरीक्षण किया।
पिछले दिनों केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी इस म्यूजियम का निरीक्षण कर इसे संवारने के निर्देश दिए थे, वहीं भाजपा नेता सुधीर गुप्ता ने भी रेलवे बोर्ड के चेयरमैन सतीश कुमार को ज्ञापन सौंपकर इस म्यूजियम को नागपुर नैरोगेज म्यूजियम की तर्ज पर विकसित करने की मांग की थी। इसके बाद गुरुवार को रेलवे बोर्ड के अधिकारियों ने इस म्यूजियम का निरीक्षण किया।
इस दौरान एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर आशिमा मेहरोत्रा ने नैरोगेज हेरिटेज संग्रहालय के साथ ही लोको शेड का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि इस हेरिटेज बिल्डिंग को रेनोवेशन की जरूरत है।
इसके अलावा संग्रहालय के तौर पर विकसित करने की स्थिति में बिल्डिंग में वर्तमान में संचालित होने वाले एडीईएन, एडीईई तथा एसीएम आफिस को दूसरी जगह पर शिफ्ट किया जाएगा।
हेरिटेज बिल्डिंग के पास जीर्ण-शीर्ण क्वार्टर को हटाकर वहां म्यूजियम का विस्तार किया जा सकता है। पर्यटक स्थल की तरह यह विस्तार नागपुर नैरोगेज हेरिटेज म्यूजियम की तरह होगा इसमें बच्चों की टाय ट्रेन चलाने का भी विकल्प रखा जा सकता है। वहीं, सिंधिया स्टेट के हेरिटेज सैलून कोच, इंजन तथा नैरोगेज ट्रेन से संबंधित सभी उपकरण को यहां शोकेस किया जा सकता है।
डिजिटल स्क्रीन और आडियो विजुअल के माध्यम से रेलवे हेरिटेज नैरोगेज ट्रेन का इतिहास दिखाने की भी संभावना है। संग्रहालय को ऐतिहासिक रूप देने के साथ ही यहां फोटो गैलरी और कैफेटेरिया का भी निर्माण किया जा सकता है। सिंधिया स्टेट के दौर में 1885 में निर्मित नैरोगेज म्यूजियम ऐतिहासिक महत्व रखता है।
इस अवसर पर प्रयागराज से मुख्य चल शक्ति अभियंता आरडी मौर्य, एडीआरएम नंदीश शुक्ला, सीडब्लूएम शिवाजी कदम, सीनियर डीएमई गौरव यादव, एडीईएन अजीत मिश्रा, स्टेशन डायरेक्टर वीके भारद्वाज एवं प्रयागराज तथा झांसी के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
वहीं रेलवे बोर्ड के अधिकारियों ने घोसीपुरा से लेकर मोतीझील तक नैरोगेज ट्रैक का भी निरीक्षण किया। लंबे समय से शहर में नैरोगेज हेरिटेज ट्रेन चलाने की मांग की जा रही है।
ऐसे में, रेलवे के अधिकारियों ने इसका भी गहनता से सर्वे किया। हालांकि अभी इस मामले में एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर बोर्ड को सौंपी जाएगी और अंतिम निर्णय वहीं से होगा।