
नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर: गोला का मंदिर स्थित प्रीतम विहार इलाके में हुए दिल दहला देने वाले हादसे में चार वर्षीय वैभव और उसकी 16 वर्षीय बहन क्षमा की मौत हो गई। जांच में खुलासा हुआ है कि दोनों की जान फास्फीन गैस ने ली, जो क्विकफोस (कीटनाशक) की गोलियों से बनी थी।
मकान मालिक श्रीकृष्ण यादव ने गेहूं को सुरक्षित रखने के लिए क्विकफोस की 334 गोलियां खुले में रखीं और उन पर एक लीटर स्प्रे छिड़का। स्प्रे के तरल और नमी के संपर्क में आते ही गोलियां घुलने लगीं और अत्यधिक मात्रा में फास्फीन गैस निकल गई। इससे किराएदार के परिवार को उल्टी, सीने में जकड़न और तंत्रिका तंत्र पर असर जैसे लक्षण दिखे।
घटना की सूचना मिलते ही रक्षा अनुसंधान एवं विकास स्थापना (DRDE) की टीम मौके पर पहुंची। टीम ने गैस मीटर से जांच की, जिसमें फास्फीन गैस का स्तर मानक से तीन गुना यानी 30 पीपीएम पाया गया। गैस को निष्क्रिय करने के लिए DRDE की टीम छह घंटे तक जुटी रही।
फायर ब्रिगेड को भी बुलाना पड़ा क्योंकि गोली और तरल से बना पाउडर बहुत अधिक मात्रा में फैल गया था। एएसपी अनु बेनीवाल ने बताया कि श्रीकृष्ण यादव ने यह कीटनाशक मेहगांव की एक दुकान से खरीदा था। जांच में पता चला कि दुकान बिना अनुमति के बिक्री कर रही थी। पुलिस ने दुकान को सील कर दिया है और दुकानदार को भी आरोपी बनाया जाएगा।
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यह घटना घरेलू उपयोग में कीटनाशक पदार्थों की असावधानी से होने वाले गंभीर खतरे की चेतावनी है। विशेषज्ञों ने कहा कि क्विकफोस जैसी गोलियों का उपयोग केवल खुले स्थानों या विशेषज्ञ निगरानी में ही किया जाना चाहिए।