MP Vehicle Fitness: वरुण शर्मा, नईदुनिया, ग्वालियर। मध्य प्रदेश में यात्री और व्यावसायिक वाहनों की फिटनेस अब मशीनों के जरिये होगी। एक जून से परिवहन विभाग यह व्यवस्था लागू करने जा रहा है, जिसका ट्रायल(परीक्षण) ग्वालियर से शुरू होगा। ग्वालियर, इंदौर और भोपाल में यह व्यवस्था पहले लागू की जाएगी इसके बाद इसका विस्तार होगा।
तीनों शहरों में एक ही कंपनी वेदांत को आटोमेटिक फिटनेस का काम मिला है। इसके लिए निर्धारित स्थान तय होगा जहां वाहनों की फिटनेस की जाएगी। परिवहन विभाग ने इसको लेकर तैयारियां लगभग पूरी कर लीं हैं। अभी तक वाहन की फोटो खींचकर फिटनेस के नाम पर खानापूर्ति की शिकायतें ज्यादा सामने आतीं हैं और इसके मापदंडों का भी पूरी तरह पालन नहीं होता है।
बता दें कि केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने स्वचलित फिटनेस सेंटर खोलने लिए सिंतबर 2021 में अधिसूचना जारी की थी। इसी अधिसूचना के तहत मध्य प्रदेश में 11 स्वचलित फिटनेस केंद्र खोले जाने की जानकारी दी गई थी। वर्तमान में परिवहन कार्यालय में संचालित फिटनेस सेंटर के कैमरे के सामने वाहन को खड़ा किया जाता है और फोटो खींचने के बाद सर्टिफिकेट जारी हो जाता है, लेकिन वाहन की जांच की व्यवस्था नहीं है।
अब आटोमेटेड सिस्टम के माध्यम से मशीनों के जरिए जांच हो सकेगी। प्रदेश में पहले 11 सेंटरों को शुरू करने की बात हुई थी, इसमें ग्वालियर, इंदौर और भोपाल के साथ अन्य जिलों में भी वेदांत फिटनेस एंड पब्लिक व्हीकल की ओर से आवेदन आए थे। सभी शहरों को एक ही फर्म को काम दिया गया है।
परिवहन आयुक्त को स्वचलित फिटनेस सेंटर की मान्यता, विनियमन, नियंत्रण के लिए रजिस्ट्रीकरण अधिकारी बनाया गया है। इनके फैसले की अपील परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव के यहां होगी। परिवहन विभाग ने रजिस्ट्रीकरण अधिकारी की अधिसूचना भी जारी कर दी थी। इसके लिए एक फिटनेस सेंटर को लगभग चार हजार वर्ग मीटर की जरूरत होगी।
अभी तक आरटीओ कार्यालय में फिटनेस सेंटर में फिटनेस होती है और वाहन की किसी तरह की जांच नहीं की जाती,बस फोटो खींचकर फिटनेस सर्टिफिकेट प्रदान कर दिया जाता है। इसमें भी एजेंट सक्रिय रहते हैं जो शुल्क के अलावा अतिरिक्त राशि लेकर कार्य कराते हैं। अब आटोमेटिक मशीनों से फिटनेस की जांच होगी और वाहन की हकीकत में कमी भी दूर हो सकेगी।