ग्वालियर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। मध्यप्रदेश शासन की घोषणा के बाद में स्कूल शिक्षा विभाग के अफसरों ने आनन-फानन में इसी सत्र से सीएम राइज स्कूल शुरू कर निजी विद्यालयों जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराने का दावा किया, लेकिन अब भी विद्यार्थियों को यहां सरकारी स्कूल जैसी व्यवस्था ही मिल रही है। सिर्फ कागजों में स्कूलों का नाम बदलकर सीएम राइज कर दिया गया। शहर के चार विद्यालयों में न तो अंग्रेजी माध्यम की पढ़ाई शुरू हो पाई और न ही बस व्यवस्था बच्चों को मिल रही है। इसके चलते लश्कर के कई बच्चों को दीनदयाल नगर स्कूल तक जाने के लिए स्वयं व्यवस्था करनी पड़ रही है। स्कूलों में गणवेश भी पुराना ही है, जिसे अगले सत्र से बदलने के लिए कहा जा रहा है।
निजी जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराने का दावा कर जिले में शुरू किए गए आठ सीएम राइज स्कूलों में कुछ नहीं बदला है। न तो इन स्कूलों की नई इमारतें तैयार हुई हैं और न ही बच्चों को लाने-ले जाने के लिए बसों की व्यवस्था हो पाई है। दो बार टेंडर प्रक्रिया करने के बावजूद किसी आपरेटर ने स्कूल शिक्षा विभाग के साथ अनुबंध करने में रुचि नहीं दिखाई। हाल ही में आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय का एक नया आदेश आया है। इसमें लिखा गया है कि सीएम राइज स्कूलों में अध्यययरत विद्यार्थियों को इस सत्र में नया गणवेश नहीं मिलेगा। इसके लिए उन्हें अगले सत्र तक इंतजार करना होगा। इस सत्र में स्कूलों में जो पुरानी ड्रेस चल रही है, वही लागू रहेगी। सीएम राइज स्कूलों के लिए ड्रेस डिजाइन नेशनल इंस्टीट्यूट आफ डिजाइन भोपाल से कराई जा रही है। इस ड्रेस को इस सत्र से ही लागू किया जाना था। जारी हुए आदेश्ा में लिखा है कि इस साल सीएम राइज स्कूलों में नया ड्रेस लागू किया जाना संभव नहीं है, इसलिए इस सत्र में जिन स्कूलों में जो ड्रेस पहले से प्रचलित हैं, वही रहेगी।
ऐसे तैयार होने थे विद्यालय
बिल्कुल निजी विद्यालयों जैसी सुविधाएं सीएम राइज स्कूलों में उपलब्ध कराई जानी थीं। इसमें बायो टायलेट, सुरक्षा गार्ड, स्मार्ट क्लासेस, खेल मैदान, कंप्यूटर लैब, म्यूजिक रूम, स्वीमिंग पूल, कैफेटेरिया, हास्टल और बसों की सुविधा के साथ ही स्कूलों में सीसीटीवी की भी व्यवस्था की जानी थी, लेकिन अभी तक ऐसी सुविधाएं विद्यार्थियों को मुहैया नहीं हो पाई हैं। स्थिति यह है कि जिले के आठ विद्यालयों में से सिर्फ दो में ही अंग्रेजी माध्यम का पाठ्यक्रम शुरू किया गया है। बाकी छह विद्यालयों में यह भी सुविधा नहीं है।