Navratri 2021: मनीष शर्मा, ग्वालियर नईदुनिया। हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है। नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा और उपासना की जाती है। मान्यता है कि नवरात्रि पर मां दुर्गा की विधि-विधान से पूजा करने से जीवन के सभी दुख दूर होते हैं और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। नवरात्रि के दिनों में माता के भक्त मां की विशेष कृपा पाने के लिए व्रत भी रखते हैं। शारदीय नवरात्रि का पर्व 07 अक्टूबर से आरंभ होगा, जो 15 अक्टूबर को समाप्त होगा। इसे शरद या शारदीय नवरात्रि भी कहते हैं।
शारदीय नवरात्रि की प्रमुख तिथियांः
नवरात्रि प्रारंभः 07 अक्टूबर 2021, गुरुवार
घट स्थापना तिथिः 07 अक्टूबर 2021, गुरुवार नवरात्रि नवमी तिथि- 14 अक्टूबर 2021, गुरुवार
नवरात्रि दशमी तिथिः 15 अक्टूबर 2021, शुक्रवार
घट स्थापना-कलश स्थापना का मुहूर्त
-07 अक्टूबर सुबह 9.33 से 11.31 बजे तक रहेगा। इसके अलावा दोपहर 3.33 से शाम 5.05 के बीच भी घट स्थापना की जा सकेगी।
नवरात्रि में कैसे करें पूजनः पूजा स्थान पर कलश की स्थापना करने से पहले उस जगह को गंगा जल से शुद्ध कर कलश को पांच तरह के पत्तों से सजाएं। उसमें हल्दी की गांठ, सुपारी, दूर्वा, आदि रखें व कलश को स्थापित करने के लिए उसके नीचे मिट्टी की वेदी बनाएंं। जिसमें जौ बोये, जौ बोने की विधि धन-धान्य देने वाली देवी अन्नपूर्णा को खुश करने के लिए की जाती है। मां दुर्गा की फोटो या मूर्ति को पूजा स्थल के बीच स्थापित करें। जिसके बाद मां दुर्गा को श्रृंगार, रोली ,चावल, सिंदूर, माला, फूल, चुनरी, साड़ी, आभूषण अर्पित करें। कलश में अखंड दीप जलाया जाए, जिसे व्रत के आखिरी दिन तक जलाया जाना चाहिए।
नवरात्रि में क्या करें, क्या न करेंः इन दिनों व्रत रखने वाले को जमीन पर सोना चाहिए। ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। व्रत करने वाले को फलाहार ही करना चाहिए। नारियल, नींबू, अनार, केला, मौसमी आदि फल तथा अन्न का भोग लगाना चाहिए। व्रत करने वाले को संकल्प लेना चाहिए कि हमेशा क्षमा, दया, उदारता का भाव रखेगा। इन दिनों व्रती को क्रोध, मोह, लोभ आदि दुष्प्रवृत्तियों का त्याग करना चाहिए। देवी का आह्वान, पूजन, विसर्जन, पाठ आदि सब प्रातःकाल में शुभ होते हैं, अतः इन्हें इसी दौरान पूरा करना चाहिए।