महेश गुप्ता, नईदुनिया, ग्वालियर। देश की इकलौती महिला एनसीसी ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी(ओटीए) अपने 60 साल पूरे कर चुकी है। इस लंबे सफर में ओटीए ने 4000 एसोसिएट ट्रेनिंग ऑफिसर(एएनओ) देश को दिए हैं, जिन्होंने यहां से विभिन्न कोर्सों के माध्यम से प्रशिक्षण लेकर देशभर के स्कूलों और महाविद्यालयों के एनसीसी कैडेट्स को ट्रेनिंग दी है।
यहां प्रशिक्षण लेने आईं महिला केयर टेकर प्री कमीशन कोर्स के बाद अफसर बनकर निकलीं। इस दरम्यान उन्होंने विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से अपने कौशल को बढ़ाया। ओटीए की स्थापना सन् 1964 में हुई थी। वहीं पहली बार 10 जुलाई 1965 में एनसीसी महिला प्रशिक्षण अकादमी की परेड हुई, जिसकी समीक्षा और अकादमी का औपचारिक उद्घाटन तत्कालीन रक्षामंत्री वाईबी चव्हाण ने किया था।
अक्टूबर 1964 में बालिका यूनिट्स की बढ़ती संख्या के कारण ग्वालियर में एक अलग एनसीसी कॉलेज या ओटीए स्थापित करने का निर्णय लिया गया। इसी लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए भारत का यह एकमात्र एनसीसी महिला प्रशिक्षण संस्थान स्थापित हुआ।
संस्थान का नाम शुरू में एनसीसी कॉलेज फॉर विमेन था और बाद में 1964 में ओटीएस कांपटी के अनुरूप इसका नाम बदलकर महिला अधिकारी प्रशिक्षण स्कूल या डब्ल्यूओटीएस कर दिया गया और फिर 2002 में इसका नाम बदलकर ओटीए ग्वालियर कर दिया गया, जो अब अफसर प्रशिक्षण अकादमी यानी ओटीए ग्वालियर के नाम से जाना जाता है।
ओटीए में कुल चार प्रकार के कोर्स होते हैं। इनमें सबसे मुख्य प्री कमीशन कोर्स है। यह इन दिनों 75 दिन और 45 दिन का संचालित हो रहा है। इसमें कुल 120 महिला प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण दिया जाता है। दूसरा रिफ्रेशर कोर्स है, जो 20 दिन का होता है। यह प्री कमीशन कोर्स कर चुकी महिला अफसरों के लिए होता है। इसके साथ ही जीसीआइ 20 दिन का और एसएसबी कोर्स 10 दिन का होता है। इनमें से एसएसबी कोविड के बाद नहीं कराया गया।
ओटीए में आज पासिंग आउट परेड हुई। इस परेड के साथ एनसीसी ओटीए अपनी हीरक जयंती मना रहा है। मुख्य अतिथि के रूप में दक्षिणी कमान के आरओ लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ उपस्थित रहे। पासिंग आउट परेड में 131 महिला केयर टेकर अधिकारी शामिल है। परेड में शामिल होने जा रहे सभी प्रशिक्षु अधिकारी एनसीसी के 17 निदेशालयों से आई हैं। इन सभी का 75 दिवसीय प्रशिक्षण सात जुलाई को शुरू हुआ था।
मैंने ओटीए से डब्ल्यूटीएनओ (होल टाइम लेडी ऑफिसर इन एनसीसी) कोर्स किया था। यह बेसिक ट्रेनिंग छह महीने की थी। इसमें हमारा ओवरआल डवलपमेंट हुआ। वर्तमान में मैं ओटीए में ही एडिशनल ट्रेनिंग ऑफिसर की पोस्ट पर हूं। इससे पहले मैं गुजरात में एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर थी।- मेजर अरुंणधति शाह, बैच 2006
ओटीए को 60 साल पूरे हो चुके हैं। इस लम्बे सफर में लगभग 4000 महिला अफसर देश को मिली हैं, जिन्होंने एनसीसी की दिशा में बेहतर काम किया है। अकादमी में प्री कमीशन कोर्स, रिफ्रेशर कोर्स और जीसीआइ कोर्स कराए जाते हैं, जिसमें केयर टेकर का ओवर आल डवलपमेंट होता है। प्रशिक्षण के बाद ये महिला अफसर स्कूल और महाविद्यालय में छात्रों को प्रशिक्षण देती हैं। - लेफ्टिनेंट कर्नल अस्मिता, प्रशिक्षण अधिकारी (समन्वय), ओटीए