
प्रियंक शर्मा. ग्वालियर। ट्रेनों में सफर के दौरान यात्रियों की तबियत बिगड़ने पर रेलवे चिकित्सक को फोन कर बुलाना पड़ता है। कई बार समय से न पहुंच पाने के कारण यात्री को इलाज नहीं मिल पाता है। इस समस्या से निपटने के लिए रेलवे अब रेलवे स्टेशन पर चौबीस घंटे डाक्टर व स्वास्थ्यकर्मियों की तैनाती करने जा रहा है। चौबीस घंटे रेलवे स्टेशन पर डाक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ उपलब्ध होने से ट्रेन में किसी भी मुसाफिर की तबियत खराब होने पर तत्काल उपचार मिल सकेगा।
पुरानी व्यवस्था के अनुसार स्टेशन व सफर के दौरान ट्रेनों के अंदर यात्रियों की हालत बिगड़ने की स्थिति में कंट्रोल द्वारा सूचना मिलने पर इलाज के लिए रेल चिकित्सक बुलाया जाता है। नई व्यवस्था लागू करने के लिए झांसी रेल मंडल शहर में संचालित अस्पताल संचालकों से अनुबंध कर रेल यात्रियों को स्टेशन पर चौबीस घंटे डाक्टरों के साथ पैरामेडिकल स्टाफ उपलब्ध कराएगा। इस सेवा के लिए यात्री को एक निश्चित शुल्क रेलवे को देना होगा। ग्वालियर रेलवे स्टेशन से एक सैकड़ा से अधिक ट्रेनें अप व डाउन ट्रैक से गुजरती हैं। आए दिन रनिंग ट्रेनों में सफर के दौरान पैसेंजर की तबितय खराब होने पर उन्हें इलाज की जरुरत पड़ती है। वर्तमान में ये रेल सुविधा नंबर 139, रेल सेवा, डीआरएम, जीएम, आरपीएफ व ट्रेन में चलने वाले वाणिज्य कर्मचारियों को काल कर या इंटरनेट मीडिया के जरिए मदद मांगी जाती है। कंट्रोल से मिले मैसेज पर स्टेशन पर रेलवे चिकित्सक को इलाज के लिए काल कर बुलाया जाता है। अक्सर ट्रेनों में सफर करने वाले कई यात्रियों की तबियत बिगड़ जाती है, जो रेलवे को सूचना देते हैं। ट्रेनों के पहुंचने के पहले डाक्टर स्टेशन नहीं पहुंचे तो मरीज को इलाज नहीं मिल पाता है। ऐसी स्थिति में बीमार यात्री या तो उसी ट्रेन में अगले स्टेशन के लिए चले जाते हैं या फिर उन्हें संबंधित स्टेशनों पर उतारकर अस्पतालों में भेजना पड़ता है।