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नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। मध्य प्रदेश में अवैध रूप से रह रहे संदिग्ध नागरिकता वालों पर शिकंजा कसता जा रहा है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत की गई छानबीन में 386 ऐसे लोगों की पहचान हुई है जो बिना प्रमाणिक दस्तावेजों के प्रदेश में रह रहे हैं। इनमें अधिकांश बांग्लादेशी घुसपैठिए होने की आशंका जताई जा रही है। अब इनकी जांच के लिए एमपी से छह टीमें पश्चिम बंगाल, बिहार और असम रवाना की गई हैं।
प्रदेश के छह प्रमुख जिलों - ग्वालियर, भोपाल, इंदौर, जबलपुर, कटनी और शाजापुर – से इन संदिग्ध नागरिकों की पहचान की गई है।
इन सभी ने दावा किया है कि वे बंगाल, बिहार या असम से यहां आकर बसे हैं।
इन लोगों के पास जो दस्तावेज मौजूद हैं, उन्हें सत्यापित करने के लिए तीन राज्यों के 27 जिलों में टीमें भेजी गई हैं। ये टीमें स्थानीय प्रशासन और पुलिस के साथ समन्वय में काम करेंगी और पता लगाएंगी कि दस्तावेज असली हैं या फर्जी। यदि इन दस्तावेजों का मिलान नहीं होता, तो उन्हें अवैध प्रवासी मानते हुए कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
यह पूरी जांच प्रक्रिया केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशों के बाद शुरू की गई है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पहले ही कई राज्यों में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों को गिरफ्तार कर वापस भेजा जा चुका है। इसी कड़ी में अब मध्य प्रदेश में भी इस तरह की कड़ी कार्रवाई हो रही है।
जांच में सामने आया है कि इन संदिग्ध नागरिकों में अधिकांश मुस्लिम समुदाय से हैं। उन्होंने मध्य प्रदेश के अलग-अलग जिलों में छोटे-मोटे कामों में रोजगार प्राप्त कर लिया है और वर्षों से यहां रह रहे हैं।