Paryushan festival 2023: ग्वालियर (नप्र)। सकल दिगम्बर जैन समाज के 10 दिवसीय महापर्यूषण पर्व 19 सितंबर से शुरू होंगे। नगर के 85 दिगंबर जैन मदिरों पर साफ सफाई कर विशेष फूलों के साथ विशेष लाइटिंग और भगवान की प्रतिमा के समक्ष दस धर्मों की पूजन की विशेष रंगोली की सजावट की गई। जैन समाज के श्रावक श्राविकाओं के द्वारा 85 जैन मदिरों में पर्यूषण महापर्व पर भगवान जिनेन्द्र का भक्तिभाव के साथ अभिषेक, विशेष पूजा आर्चना, आरधान, तप, ध्यान करेंगे। जैन समाज के लोग प्रतिदिन दस धर्म की विशेष पूजा आर्चना कर तप संयम की आरधना करेंगे। वही रात्रि में आरती शास्त्र प्रवचन एवं बच्चों के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
प्रवक्ता सचिन जैन ने बताया कि दिगंबर जैन समाज के पर्यूषण पर्व 19 सितंबर से शुरू होंगे। जैन धर्म के दशलक्षण धर्म महापर्व ऋषि पंचमी से अनंत चतुर्दशी तक मनाए जाते हैं। इसमें जैन समाज के लोग गोपाचल पर्वत, जैन स्वर्ण मंदिर, चंपाबाग जैन मंदिर, दीनानाथ की बगीची मुरार आदि मंदिरों में सुबह अभिषेक, शांतिधारा पूजन एवं विधान आदि धार्मिक अनुष्ठान करते हैं। इस पर्व में समाज के लोग संयम का पालन कर अपनी इच्छा अनुसार व्रत उपवास करते हैं। 10 दिवसीय इस पर्व में 10 धर्मों का विशेष रूप से पालन किया जाता है।
जैन समाज के प्रवक्ता सचिन जैन ने बताया कि पर्युषण पर्व के समापन पर क्षमावाणी के साथ शहर के मुख्य जैन मदिरों से वार्षिक मेले के साथ गाजेबाजे के साथ पालकी, रथयात्रा शोभायात्रा धूमधाम के साथ निकाली जाएगी। इसमें समाज के लोग बड़ी संख्या में शामिल होते है। पर्यूषण पर्व मनाने का मूल उद्देश्य यह है कि पर्यूषण पर्व मनाने का मूल उद्देश्य आत्मा को शुद्ध बनाने के लिए आवश्यक उपक्रमों पर ध्यान केंद्रित करना होता है। पर्यावरण का शोधन इसके लिए वांछनीय माना जाता है। आत्मा को पर्यावरण के प्रति तटस्थ या वीतराग बनाए बिना शुद्ध स्वरूप प्रदान करना संभव नहीं है। इस दृष्टि से कल्पसूत्र या तत्वार्थ सूत्र का वाचन और विवेचन किया जाता है और संत-मुनियों और विद्वानों के सान्निध्य में स्वाध्याय भी किया जाता है। पूजा, अर्चना, आरती, समागम, त्याग, तपस्या, उपवास में अधिक से अधिक समय व्यतीत किया जाता है और दैनिक व्यावसायिक तथा सावद्य क्रियाओं से दूर रहने का प्रयास किया जाता है।