नईदुनिया, ग्वालियर: मध्य प्रदेश में ग्वालियर के मिस हिल्स स्कूल में कार्यरत रहे शिक्षकों को पांचवें और छठां वेतन आयोग का लाभ नहीं मिलेगा। हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने शिक्षकों की याचिका को खारिज कर दिया है।
कोर्ट ने साफ किया कि याचिकाकर्ताओं का राज्य सरकार के साथ कोई सीधा सेवा संबंध नहीं है, इसलिए राज्य सरकार से वेतन आयोग का लाभ नहीं मांगा जा सकता। मामले में याचिकाकर्ता शिक्षक मांग कर रहे थे कि वे राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त और अनुदानित स्कूल (मिस हिल्स स्कूल, ग्वालियर) में कार्यरत थे, इसलिए उन्हें पांचवें और छठें वेतन आयोग के तहत वेतन वृद्धि और एरियर का लाभ मिलना चाहिए।
शिक्षकों का तर्क था कि 2003 तक उन्हें वेतन राज्य सरकार से ग्रांट-इन-एड के माध्यम से प्राप्त होता रहा है और सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2014 में दिए गए निर्देशों के अनुसार वे लाभ के पात्र हैं।
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि याचिकाकर्ता राज्य सरकार के कर्मचारी नहीं, बल्कि मिस हिल एजुकेशन सोसाइटी द्वारा संचालित संस्था के कर्मचारी हैं। अनुदान-इन-एड वर्ष 2003 में वित्तीय अनियमितताओं के कारण निलंबित कर दिया था। इसके दोबारा शुरू होने के कोई ठोस साक्ष्य रिकॉर्ड पर नहीं हैं।
नगर निगम मुख्यालय में हुई जनसुनवाई के दौरान कुल 38 शिकायतें आईं। इनमें से अधिकतर सीवर, अतिक्रमण, गंदगी से संबंधित थीं। जनसुनवाई में वार्ड 18 महाराजपुरा निवासी विनोद सिंह गुर्जर ने आवेदन दिया कि शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कर पक्के मकान बनाकर भैंसें बांधकर अवैध रूप से डेयरी संचालित की जा रही है।
इसके साथ ही वार्ड 31 एवं 32 के प्रवीण भटनागर ने वार्ड की पाश कॉलोनी में अवैध डेयरी के संचालन से सीवर जाम होने की शइकायत की। वार्ड 29 दर्पण कालोनी के निवासियों ने नाले पर किए गए अतिक्रमण को हटाने का आवेदन दिया। लोगों की समस्या सुन रहे अपर आयुक्त ने इन आवेदनों पर त्वरित कार्रवाई के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए।