नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। डॉ. आंबेडकर पर विवादित बयान के बाद अनुसूचित जाति संगठनों द्वारा आज आंदोलन के ऐलान के बाद इसके जवाब में सवर्ण समाज की ओर से चुनौती से बनी स्थिति को लेकर कड़े बंदोबस्त किए गए हैं। शहर की सड़कों पर 4 हजार जवानों की तैनाती की गई है। नाकों से लेकर बाजारों तक में चेकिंग की जा रही है। आईजी-डीआईजी और एसएसपी भी आंदोलन को देखते हुए सभी इलाकों में नजर रख रहे हैं।
भले ही प्रशासन की पहल के बाद दोनों पक्षों ने किसी भी प्रकार के प्रदर्शन न करने पर सहमति दी है। परंतु प्रशासन किसी भी प्रकार की चूक व ढिलाई नहीं बरतना चाहता। यही वजह है कि पुलिस और प्रशासन संशय की स्थिति में है। इसके चलते ऐहतियात के तौर पर छह जिलों की सीमाओं पर नाकाबंदी कर रखी है। वहीं शहर के अंदर तक सड़कों पर करीब जवान बलवा किट के साथ किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। 70 चेकिंग पाइंट बनाए गए हैं।
शहर के नाकों को सील कर दिया गया है। यहां सवारी वाहनों से लेकर बाहर के नंबर की गाड़ियों पर विशेष निगाह रखी जा रही है। रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड पर भी बाहर से आने वाले यात्रियों से पूछताछ चल रही है। शहर में आने की वजह पूछी जा रही है। फेसबुक पोस्ट और वाट्सएप ग्रुप पर भड़काऊ संदेश, पोस्ट, वीडियो डालकर आंदोलन को हवा देने की कोशिश कर रहे दोनों ही पक्षों के कुछ चेहरों को रडार पर लिया गया है। पुलिस की तैयारी पूरी है। अगर किसी भी सूरत में शहर का माहौल बिगाड़ने का प्रयास किसी ने किया तो सख्ती से निपटा जाएगा।
बता दें कि अधिवक्ता अनिल मिश्रा द्वारा डॉ. आंबेडकर पर टिप्पणी की गई थी, जिसके विरोध में एससी-एसटी वर्ग के संगठन आ गए। वहीं मिश्रा पर एफआइआर के विरोध में अधिवक्ताओं व सवर्ण संगठनों ने प्रदर्शन किया व अफसरों के पुतले फूंके। इसी बीच दोनों पक्षों ने 15 अक्टूबर को आंदोलन करने का दावा किया था फिर सोमवार को प्रशासन के साथ दोनों पक्षों ने बैठक करके प्रदर्शन न करने की सहमति दी थी।
इन जिलों की सीमाओं तक चेकिंग: आइजी अरविंद सक्सैना ने बताया कि उन्होंने चंबल के मुरैना, भिंड व ग्वालियर रेंज के ग्वालियर सहित अशोकनगर, गुना, शिवपुरी के पुलिस अधीक्षकों से बात की और चेकिंग पाइंट लगवाए हैं। यहां ग्वालियर की ओर जाने वाले लोगों से पूछताछ की जा रही है। जिससे किसी भी तरह से असामाजिक तत्व ग्वालियर न पहुंच सके।