Post office Recruitment scam: वीरेंद्र तिवारी. नईदुनिया ग्वालियर। कोई सरकारी भर्ती प्रक्रिया कितनी अन्यायपूर्ण हो सकती है वह आप इस खबर को पढ़कर समझ पाएंगे। कोरोनाकाल में हरियाणा बोर्ड द्वारा की गई गलती और भारतीय डाक विभाग की दोषपूर्ण चयन प्रक्रिया ने हरियाणा को छोड़कर अन्य प्रदेशों के उन लाखों शिक्षित युवाओं के सामने संकट खड़ा कर दिया है जो डाक विभाग के माध्यम से केंद्रीय सरकारी नौकरी में जाने का सपना संजोए बैठे थे। दरअसल डाक विभाग के सबसे छोटे पायदान जीडीएस पद ( ग्रामीण डाक सेवक) पर लगातार हजारों की संख्या में भर्ती की जा रही है। इस वृहद आनलाइन भर्ती में चयन का आधार 18 से 40 वर्ष की आयु और हाईस्कूल परीक्षा यानि दसवीं बोर्ड के बढ़िया प्राप्तांक हैं। यह दोनों होने पर आपकी सरकारी नौकरी पक्की हो जती है। अभी तक यह काम मेरिट पर होता था लेकिन कोरोनाकाल के कारण यह पूरी प्रक्रिया में पलीता लग गया है। कोरोना काल के दौरान वर्ष 2020 एवं 2021 में देश के कई परीक्षा बोर्ड ने विद्यार्थियों को बिना परीक्षा के ही जनरल प्रमोशन दे दिया था। हरियाणा जैसे राज्य ने एक कदम आगे बढ़ते हुए बड़ी संख्या में विद्यार्थियों को हर विषय में शत-प्रतिशत अंक दे दिए। अब जब भी आनलाइन भर्ती निकलती है चयनसूची में सबसे ऊपर हरियाणा के युवाओं के नाम होते हैं। इससे उन अभ्यर्थियों के साथ बड़ा अन्याय हो रहा है जिन्होंने या तो कोरोनाकाल में दसवीं की परीक्षा उत्तीर्ण नहीं की या जिन्हें जनरल प्रमोशन में शत-प्रतिशत अंक उनके बोर्ड द्वारा नहीं दिए गए। हास्यास्पद स्थिति यह है कि हालही में हरियाणा की जो दो चयनसूची आईं है उनका कटआफ 100 प्रतिशत रहा यानि 99.99 प्रतिशत अंक पाने वाले का भी चयन नहीं हुआ। हालांकि इसमें बड़ा भर्ती घोटाले होने की बात से अधिकारी इनकार नहीं कर रहे हैं।
आवेदन के लिए सिर्फ एक आनलाइन फार्म है जिसमें अभ्यथी को सामान्य जानकारी के साथ अपने दसवीं के अंकों की विषयवार इंट्री करनी होती है। सौ रुपये आनलाइन फीस जमा करते ही आपका नौकरी के लिए आवेदन हो जाता है। अभ्यर्थी ने जो कम्प्यूटर में दसवीं के अंक दर्ज किए हैं उन्हीं अंकों के आधार पर कम्प्यूटर आटोमेटिक मेरिट लिस्ट बनाकर अंतिम चयन सूची जारी कर देता है। जारी चयन सूची के आधार पर अभ्यर्थी को संबंधित पोस्ट आफिस में मूल दस्तावेज ले जाकर ज्वाइनिंग लेनी होती है। विभाग द्वारा जारी स्टैंडर्ड आपरेटिंग प्रोसेस ( एसओपी) में स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि जो अभ्यर्थी अपनी मार्कशीट लेकर आ रहा है पहले उसे ज्वाइनिंग दी जाए उसके बाद संशय हो तो वेरिफिकेशन के लिए संबंधित बोर्ड के पत्र लिखें। हालांकि भर्ती इतने बड़े पैमाने पर हो रही है कि हर चयनित अभ्यर्थी की मार्कशीट के विषय में विभिन्न बोर्ड से पत्राचार करना संभव नहीं हो पा रहा है।
बिना लिखित परीक्षा या स्क्रीनिग के इस तरह केंद्रीय सरकारी में नौकरी देना किस हद तक गलत है इस संबंध में डाक विभाग के एक सीनियर सुप्रीटेंडेंट बताते हैं कि जो अभ्यर्थी डाक्यूमेंट वेरिफिकेशन करवाने आ रहे हैं उनकी शिक्षा की स्थिति अत्यंत दयनीय है क्योंकि जनरल प्रमोशन के कारण भले ही उन्होंने हर विषय में शत-प्रतिशत अंक पा लिए हों लेकिन वह शिक्षित नहीं हैं। नियमों से बंधे होने के कारण ज्वाइनिंग दी जा रही है। उन्हें केंद्र सरकार द्वारा 10 हजार से 29 हजार तक प्रतिमाह तनख्वाह दी जाएगी।
जिन पढ़ाकू बच्चों ने काफी मेहनत और तैयारी करके 2020 या 2021 के अलावा अन्य सालों में बोर्ड परीक्षा परंपरागत ढंग से पास की है उन बेचारों के पास 80,90 या 95 प्रतिशत अंकों की ही मार्कशीट है। उक्त मार्कशीट जनरल प्रमोशन पाए हरियाणा के इन शतप्रतिशत अंकों वाली मार्कशीट के आगे नहीं टिक पा रही हैं और सरकारी नौकरी से हाथ धोना पड़ रहा है।
ऐसा नहीं है कि सिर्फ जनरल प्रमोशन वालों ने ही इस सरकारी नौकरी प्रक्रिया की लंका लगाई हुई है। बड़े स्तर पर फर्जी मार्कशीट गिरोह भी अब सक्रिए हो गया है जो 99 या 100 फीसदी अंक की हरियाणा या अन्य बोर्ड परीक्षा की मार्कशीट बनाकर दे रहा है। हालांकि यह गिरोह अधिकांश हरियाणा की मार्कशीट दे रहा है जिससे किसी को शक न हो। डाक विभाग के कुछ वरिष्ठ अधिकारी नाम न छापने की शर्त पर गुपचुप कहते हैं कि विभिन्न परीक्षा बोर्ड की मिलीभगत से यह बड़ा सरकारी नौकरी भर्ती घोटाला निकल सकता है इसलिए इसकी गहराई से जांच होनी चाहिए।
गांव-गांव तक डाक सेवा पहुंचाने के लिए उसी गांव या आसपास के युवाओं की भर्ती की जाती है जो कम से कम दसवीं पास किए हुए हैं। बीपीएम (ब्रांच पोस्ट मास्टर) एवं (एबीपीएम) असिस्टेंड ब्रांच पोस्ट मास्टर के पद पर नियुक्ति सीधी भर्ती के तहत की जाती है। बीपीएम की प्रतिमाह तनख्वाह 12000 से लेकर 29380 तक होती है। एबीपीएम को प्रतिमाह केंद्र सरकार द्वारा 10 हजार से लेकर 24470 रुपये दिए जाते हैं।
हम प्रक्रिया से बंधे हैं इस तरह की चयन प्रक्रिया में किसी भी तरह का मानवीय हस्ताक्षेप नहीं है, पूरी भर्ती आनलाइन कम्प्यूटर द्वारा बनाई गई मेरिट के आधार पर ही हो रही है। हम तो डीजी लाकर में आनलाइन मार्कशीट देखकर ज्वाइनिंग दे देते हैं।
ब्रजेश कुमार, चीफ पोस्ट मास्टर जनरल मप्र
हां शतप्रतिशत अंक दिए हैं हां यह सही है कि हरियाणा बोर्ड ने कई विद्यार्थियों को आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर कोरोना काल में जनरल प्रमोशन के दौरान शत-प्रतिशत अंक दिए हैं लेकिन डाक विभाग को इस तरह की वृहद भर्ती में स्क्रीनिग या अन्य चयन प्रक्रिया अपनानी थी जिससे सभी अभ्यर्थियों के साथ न्याय हो सके। वैसे हरियाणा के बच्चे तो हर क्षेत्र में नाम कमा रहे हैं अब खूब सरकारी नौकरी मिल रही है तो यह खुशी की बात है।
- डी वीपी यादव, चेयरमेन, हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड