नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक (जीएम) उपेंद्र चंद्र जोशी ने बुधवार को ग्वालियर रेलवे स्टेशन पुनर्विकास कार्य का निरीक्षण किया। उन्होंने इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारियों से प्रोजेक्ट के संबंध में सवाल किए। इस दौरान उन्होंने स्वीकार किया कि काम की गति काफी धीमी है और इसमें सुधार की काफी जरूरत है। उन्होंने इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि मार्च 2025 तक पुनर्विकास कार्य पूरा करना है।
इस दौरान यात्रियों की सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा जाए। जीएम बुधवार की सुबह झांसी से दतिया और डबरा स्टेशन का निरीक्षण करते हुए सुबह साढ़े 11 बजे ग्वालियर पहुंचे। यहां उन्होंने प्लेटफार्म क्रमांक चार की ओर चल रहे निर्माण कार्य को देखा। इसके बाद वे प्लेटफार्म क्रमांक एक के वीआइपी लाउंज में पहुंचे और प्रेजेंटेशन के माध्यम से प्रोजेक्ट का जायजा लिया। इसके बाद वे सर्कुलेटिंग एरिया में निरीक्षण के लिए पहुंचे।
यहां इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारियों ने बताया कि स्टेशन पर कई कार्यालयों की शिफ्टिंग अभी बाकी है। इसके अलावा सर्कुलेटिंग एरिया में मौजूद आरपीएफ थाना, आरएमएस, आरक्षण कार्यालय की भी शिफ्टिंग होनी है। यह सारा काम सितंबर माह में प्रस्तावित है। उन्होंने स्टेशन पर तैयार किए जा रहे फुटओवर ब्रिज से लेकर अन्य कार्यों की बारीकी से जानकारी ली।
निरीक्षण के दौरान जीएम ने केपीसी कंपनी के अधिकारियों से पूछा कि एक नंबर प्लेटफार्म पर जो फुटओवर ब्रिज तैयार किए जा रहे हैं, वह कब तक तैयार होंगे। इस पर अधिकारियों ने बताया कि 30 अगस्त तक यह ब्रिज पूरी तरह तैयार होंगे। जीएम को स्टेशन पर समाजसेवी सुधीर गुप्ता ने एक ज्ञापन सौंपकर मांग की कि ग्वालियर में रेलवे नैरोगेज के हेरिटेज ट्रेन संग्रहालय का विस्तार भव्यता से किया जाए।
इस नैरोगेज ट्रेन को घोसीपुरा स्टेशन से मोतीझील-पुरानी छावनी होते हुए बानमोर स्टेशन तक हेरिटेज ट्रेन के रूप में चलाया जाए। इसके अलावा ग्वालियर रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर माधवराव सिंधिया रेलवे स्टेशन करने का प्रस्ताव शामिल हैं।