Sawan 2023: ग्वालियर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। श्रवण मास का मंगलवार को पहला दिन है। सावन के महीने में बेलपत्र अर्पित करने वाले शिवभक्त आज से शिवलिंग का दूध, दही, घी, गंगाजल, शहद व शक्कर से अभिषेक करेंगे। इस बार शिवभक्तों को 30 दिन नहीं पूरे 59 दिन बेलपत्र नियमित रूप से अर्पित करने पड़ेंगे। क्योंकि इस बार अधिक मास जुड़ जाने के कारण सावन मास पूरे 59 दिन का होगा और आठ सोमवार पड़ेंगे। यह संयोग 19 साल बाद बना हैं। ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि इस दो माह के सावन मास में 8 सोमवार, 2 शिवरात्रि और 4 प्रदोष व्रत का अद्भुत संयोग बनेगा।
श्रवण मास में अचलेश्वर मंदिर पर पूरे सावन मास में बेलपत्र अर्पित करने वालों की लंबी कतार लगी है। स्थान व समय आरक्षित करने के लिए पहले से बुकिंग करा ली है। बुकिंग लगभग फूल गई है, इसके अलावा नगर के प्रमुख शिवालय कोटेश्वर मंदिर, गुप्तेश्वर शिव मंदिर सहित अन्य प्रमुख शिवालयों में बेलपत्र अर्पित की जाएंगीं।
सावन का पहला सोमवार 10 जुलाई को पड़ेगा। भोलेनाथ को सावन माह बेहद प्रिय है। सावन के महीने में पड़ने वाले हर एक सोमवार को भगवान शिव की उपासना की जाती है। सोमवार का व्रत करने से जीवन में सुख समृद्धि आती है और सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस बार सावन का महीना कई मायनों में खास रहने वाला है। अधिकमास की शुरुआत 18 जुलाई से होगी और इसका समापन 16 अगस्त को होगा। श्रावण सोमवार व्रत सूर्योदय से प्रारंभ कर तीसरे पहर तक किया जाता है। इस मास में भगवान शिव की बेलपत्र से पूजा करना शुभ फलदायक माना गया है। व्रत में एक समय भोजन करने को एकाशना कहते हैं और पूरे समय व्रत करने को पूर्णोपवा कहते हैं।