नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। जिले में सरकारी स्कूलों के भवनों की हालत ज्यादा अच्छी नहीं है। दूसरे शब्दों में कहें की कि कई स्कूलों के कक्ष तो इतने जर्जर हैं कि उन कक्षों में छात्रों को बैठना भी बंद कर दिया है। बावजूद जिन स्कूलों के भवन बन भी चुके हैं, लेकिन उन्हें पुराने भवनों से शिफ्ट नहीं किया गया है। शहर में ऐसे दो स्कूल हैं, एक सांदीपनि स्कूल है और दूसरा शासकीय हाइस्कूल रेशममिल हैं। दोनों ही स्कूलों के भवन बन चुके हैं। सांदीपनि स्कूल के भवन का तो मुख्यमंत्री लोकार्पण कर चुके हैं। दूसरे हाइस्कूल का भवन भी डेढ़-दो साल पहले बन चुका है। लेकिन अभी तक इसमें स्कूल को शिफ्ट नहीं किया गया है। रेशममिल हाइस्कूल को शिफ्ट करने के लिए प्रबंधन ने शिक्षा विभाग सहित अन्य संबंधित विभागों को कई बार पत्र लिख चुके हैं। लेकिन विभाग स्कूल को नए भवन में स्थानांतरित करने का निर्णय नहीं लिया है।
यहां बता दें कि किला गेट शासकीय कन्या उच्चत्तर माध्यमिक सांदीपनि विद्यालय किला गेट के लिए नया भवन मलगढा चौराहे के पास बनाया गया है। इसका लोकार्पण पिछले दिनों मुख्यमंत्री मोहन यादव ने किया था। लोकार्पण के बाद से लेकर अभी तक स्कूल नए भवन में शिफ्ट नहीं किया जा सका है। इसी तरह शासकीय हाइस्कूल रेशम मिल अभी बीएड कालेज के पीछे है। इसका नया भवन रेशम मिल के पास बनाया गया है। यह भवन करीब डेढ़-दो साल पहले बन चुका है। न तो इस भवन का लोकार्पण हुआ है और न ही पुराने भवन से स्कूल को नए में शिफ्ट किया गया है।
- सांदीपनि स्कूल के बारे में बताया जाता है कि इसमें छात्राएं पढ़ती हैं और नया भवन काफी दूर बना है। छात्राओं के लाने ले जाने के लिए अभी तक बस सेवा शुरू नहीं हुई हैं। ऐसे में प्रबंधन स्कूल को नए भवन में बस सेवा शुरू न होने तक शिफ्ट नहीं करना चाहता। चूंकि विद्यालय में कक्षा एक से 12 तक की छात्राएं आती हैं तो दूर जाने से उनकी सुरक्षा को खतरा हो सकता है। हालांकि नए भवन में अाधुनिक डिजिटल क्लास रूम सहित प्रायवेट स्कूल जैसी सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं।
शासकीय हाईस्कूल रेशम मिल, पहले मिडिल तक था। बाद में जब शासन से कुछ शालाओं को मिलाकर एक करने का निर्णय लिया गया तब इसमें हाईस्कूल को भी शामिल कर दिया गया। हाइस्कूल की कक्षाओं के लिए तो बीएड कालेज के कुछ कक्ष मिल गए। लेकिन मिडिल व प्रायमरी कक्षाएं पुराने भवन में ही चल रही हैं। इस स्कूल के लिए रेशम मिल के पास नया भवन बनाया गया है। लेकिन उसमें प्रायमरी से लेकर हाइस्कूल तक कक्षाएं लगाने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है। ऐसे में विभाग यह निर्णय नहीं ले पा रहा है कि पूरे स्कूल को इसमें शिफ्ट किया जाए या फिर हाइस्कूल को या फिर प्रायमरी से मिडिल तक के स्कूल को। ऐसे में इस स्कूल को नए स्कूल में शिफ्ट करने का मामला लटका हुआ है।
- नया भवन बने हुए काफी समय हो गया है। इसे शिफ्ट करने के लिए कई बार विभाग को पत्र लिखे हैं। लेकिन विभाग स्कूल का शिफ्ट करने पर निर्णय नहीं लिया है। इसलिए कक्षाएं पुराने भवन में ही चल रही है। स्कूल में दो कक्ष तो जर्जर हैं जिनमें बच्चाें को नहीं बैठाते हैं, अन्य कक्षों की भी हालत ज्यादा ठीक नहीं हैं।
देवेंद्र सिंह राणा, प्राचार्य, शासकीय हाईस्कूल रेशम मिल
- नए भवन का लोकार्पण हो चुका है। इसमें पुराने भवन से शिफ्ट करना है। लेकिन अभी तक शिफ्ट करने के लिए तैयारियां चल रही हैं। जल्द ही नए भवन में स्कूल को शिफ्ट कर दिया जाएगा। संभवत अगले महीने स्कूल नए भवन में पहुंच जाएगा।
मनोरमा नायर, प्राचार्य, सांदीपनि कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय किला गेट