मल्टीमीडिया डेस्क। सियासत में खासा रसूख रखने वाले सिंधिया राजवंश की गिनती देश-दुनिया के नामचीन राजघरानों में होती है। राणोजी सिंधिया को पेशवा ने 1726 में मालवा का प्रभार सौंपा था। उसके बाद 1750 में उन्होंने उज्जैन को अपनी राजधानी बनाया। उसके बाद बाद के शासकों ने रियासत की सीमाओं का विस्तार किया और अपनी ताकत का डंका दिल्ली दरबार तक बजाया। सिंधिया राजघराने के देश-विदेश के बड़े राजघरानों से वैवाहिक रिश्ते रहे हैं। संबंधों की इस गठबंधन पर डालते हैं एक नजर।
देवास राजघराने से जुड़ा है रिश्ता
सिंधिया राजवंश के महाराजा जयाजी राव सिंधिया ने सबसे राजघरानों से रिश्तों के गठबंधन की शुरुआत की थी। जयाजी राव सिंधिया 1834 से 1886 तक ग्वालियर के महाराजा थे। उन्होंने अपनी बेटी ताराबाई राजे का रिश्ता देवास के पवार राजघराने के महाराज कृष्णाजी राव द्वितीय से 1846 में किया था। जयाजी राव के बाद उनके बेटे माधवराव की ताजपोशी हुई और उन्होंने अपनी बेटी कमलाराजे सिंधिया के लिए अकालकोट के राजा फतेहसिंह राव भोंसले को चुना।
त्रिपुरा राजघराने से जुड़े है रिश्तों के तार
राजशाही के दौर में शुरू हुआ राजपरिवार से रिश्तों का यह सिलसिला मुल्क की आजादी के बाद भी जारी रहा। स्वतंत्रता के बाद राजघरानों का वजूद खत्म हो गया, लेकिन उनका रसूख बरकरार रहा। जीवाजीराव सिंधिया ने अपने बेटी पद्माराजे की शादी त्रिपुरा राजघराने के राजा बीर बिक्रम किशोर देव बर्मन से की। माधवराव सिंधिया का विवाह नेपाल राजवंश की माधवीराजे से 1966 में हुआ था।
कश्मीर राजवंश से जुड़ा है रिश्ता
माधवराव सिंधिया की बहन उषा राजे की शादी नेपाल राजघराने के शमेशरजंग बहादुर राणा से हुई है। वहीं वसुंधरा राजे सिंधिया का विवाह धौलपुर रियासत के राजा हेमंत सिंह से हुआ था। ज्योतिरादित्य का रिश्ता बड़ोदरा के गायकवाड़ राजवंश के जुड़ा हुआ है। ज्योतिरादित्य की शादी महाराजा संग्राम सिंह की बेटी प्रिसेंज प्रियदर्शिनी राजे से हुई है। वहीं ज्योतिरादित्य की बहन की शादी कश्मीर के महाराज कर्णसिंह के पुत्र विक्रमादित्य सिंह के साथ हुई है। कुछ समय पहले सिंधिया राजघराना पटियाला राजघराने से भी जुड़ गया है। विक्रमादित्य सिंह की बेटी मृगांका सिंह की शादी पंजाब के सीएम और पटियाला राजघराने के महाराज अमरिंदर सिंह के नाती निर्वाण सिंह से हुई है।