Soya Chaap in Gwalior: ग्वालियर. नईदुनिया प्रतिनिधि। शहर में स्वाद के शौकीनों की भीड़ शाम होते ही फूलबाग गुरुद्वारा के सामने पंजाबी सोया चाप स्टाल पर देखने को मिलती है। तफरी के साथ-साथ लोगों को मसाला और मलाई सोया चाप के स्वादिष्ट और हेल्थी वेज डिश के स्वाद का आनंद मिलता है। कोविड की महामारी के दौरान पंजाब प्रांत के अम़ृतसर से अपने व्यवसायिक मित्र के बुलावे पर ग्वालियर आए मजिंदर सिंह ने सोया चाप के व्यवसाय का श्री गणेश किया। तीन वर्ष पहले शुरू किया गया स्वाद का व्यवसाय लोगों की जुबान पर ऐसा चढ़ा कि लोगों की पसंदीदा डिश का स्थान बन गया। मिट्टी के आवन में कोयले की आग पर सेंकते हैं सोया चाप: मंजिंदर सिंह ने बताया कि भारत, बांग्लादेश और पाकिस्तान में लोकप्रिय सोया चाप को आमतौर पर तंदूर या मिट्टी के ओवन में कटार के साथ तैयार किया जाता है। सोयाबीन सीड और सोया चंक्स या सोया चाप स्टिक को बराबर छोटे टुकड़ों में काटा जाता है। इसके बाद इसे पानी में भिगोकर रखा जाता है। कुछ देर फूलने के बाद इन्हें पानी में डालकर अच्छे से उबाला जाता है। उबलने के बाद इसे मसाला चाप बनाने के लिए बेसन में मसाला मिले घोल में डुबो कर कोयले की आग पर सेंका जाता है। यह मलाई और मसाला दो स्वादों में तैयार किया जाता है। गुलाबी रंग के होने के बाद इन्हें तैयार धनिया की हरी चटनी के साथ दिया जाता है। सोया मसाला चाप को रूमाली रोटी या नान तंदूरी रोटी, कुलचा या पुलाव और बिरियानी या चावल के साथ खाया जा सकता है।
पंजाबी सोया चाप दो स्वादों में तैयार किया जाता है। मसाला चाप और मलाई चाप के दो स्वादों में बनाने के लिए अलग-अलग तरह के मसालों की ग्रेवी तैयार की जाती है। इसके अलावा इसे हरे धनिया से तैयार चटनी के साथ दिया जाता है।
सोया चाप सोयाबीन से बनाई गई एक हेल्दी वेज स्नैक हैं, जो प्रोटीन से भरपूर है। सोयाबीन में बहुत सारे खनिज तत्व पाए जाते हैं। जैसे -कैल्शियम, पोटेशियम, सोडियम, फास्फोरस, फास्फोरस, मैग्नीशियम, आयरन और विटामिन बी आदि। यह मटन या चिकन न खाने वालो के लिए सबसे अच्छा विकल्प है। यह वजन कम करने में भी मदद करता है, क्योंकि यह प्रोटीन से भरा है और जल्द ही आपके पेट को भरने में मदद करता है और इस प्रकार भोजन का सेवन कम कर देता है।