- लापरवाही और अवैध उगाही, यह बन गए खाकी के कलंक
ग्वालियर, नईदुनिया प्रतिनिधि। लापरवाही और अवैध उगाही...यह दो बड़े कलंक ग्वालियर पुलिस पर लगे हैं, जिनके चलते पूरे प्रदेश में खाकी बदनाम हुई है। 27 सितंबर से 9 अक्टूबर तक महज तेरह दिन में लापरवाही से लेकर अवैध उगाही करने के मामले में घिरे एक डीएसपी, दो टीआई रैंक के पुलिस अधिकारी और पांच पुलिसकर्मियों पर गाज गिरी है। ताबड़तोड़ कार्रवाई से पुलिस महकमे में तो खलबली मच गई है, लेकिन आम जनता की पीड़ा अब सामने आ रही है। इंटरनेट मीडिया से लेकर चौराहों पर खाकी को बदनाम करने वाले इन अधिकारी और पुलिसकर्मियों की चर्चा है, लोगों के जुबान पर एक ही बात आ रही है- यह शहर के हर थाने में चल रहा है। लोगों की इस पीड़ा से अंदाजा लगाया जा सकता है, किस तरह लापरवाही और अवैध उगाही ग्वालियर पुलिस को बदनाम कर रहे हैं। नईदुनिया ने जब पड़ताल की तो सामने आया- विवादित जमीनों और रेत से अवैध वसूली ने खाकी को सबसे ज्यादा बदनाम कर दिया है। शहर के मुहानों पर स्थित थानों में जमकर विवादित जमीनों में पड़कर बड़े पुलिस अधिकारी से लेकर पुलिसकर्मी तक खेल कर रहे हैं। नईदुनिया ने कुछ ऐसे पीड़िताें से बात की, जिन्होंने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया किस तरह उनकी जमीन के विवाद में पुलिस अधिकारी शामिल हुए, फिर उन्हें सस्ते दाम पर जमीन बेचने तक को मजबूर कर दिया। ऐसे मामलों में कुछ लोग कोर्ट में तो कुछ लोग वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के पास शिकायत लेकर पहुंचे हैं। जिनकी जांच चल रही है।
1- रेत से लदे डंपर से अवैध उगाही हुई, डंपर पुलिस ने पकड़े फिर डंपर मालिक से रुपए लेकर इन्हें छोड़ दिया गया। इस मामले में डीएसपी प्रमोद शाक्य कटघरे में आ गए, जिस पर सीधे पुलिस मुख्यालय ने एसएसपी अमित सांघी की प्रारंभिक रिपोर्ट पर संज्ञान लिया। डीएसपी प्रमोद शाक्य को यहां से हटा दिया गया, उन्हें पुलिस मुख्यालय अटैच किया गया।
2- इंस्पेक्टर प्रशांत यादव, सिपाही कुलदीप तोमर और विजय पाल जिन्होंने महाराजपुरा थाने में पदस्थ रहते हुए जमीन के विवाद में तीन लोगों को हिरासत में लिया, इन्हें टार्च किया और डेढ़ लाख रुपए लेकर छोड़ दिया। इस मामले में तीनों को लाइन अटैच कर दिया गया।
3- इंस्पेक्टर अमर सिंह सिकरवार और बहोड़ापुर थाने के तीन पुलिसकर्मियों पर सितंबर के आखिरी सप्ताह में कार्रवाई की गई। 27 सितंबर को इंस्पेक्टर अमर सिंह सिकरवार को लाइन अटैच किया गया, इनकी लापरवाही के कारण दस साल बाद पकड़ा गया 10 हजार रुपए का इनामी भाग गया था।
ये हैं वो थाने, जहां विवादित जमीन और रेत से अवैध उगाही बने कमाई का जरिया: नईदुनिया की पड़ताल में सामने आया कि महाराजपुरा, सिरोल, यूनिवर्सिटी, पुरानी छावनी, गिरवाई, झांसी रोड थाना क्षेत्र के अंतर्गत अवैध रूप से कालोनियां काटी जा रही है। भू-माफिया इन इलाकों में सक्रिय है, जहां आम लोगों को सस्ती जमीन बेचने के नाम पर फंसाया जाता है। फिर जब विवाद होता है तो पुलिस शामिल हो जाती है। यहां कई जमीनों के विवाद से संबंधित आवेदन पेंडिंग हैं। इन्हीं आवेदनों पर खेल हो रहा है। भू-माफियाओं का साथ देने में कई अधिकारियों का नाम तक सामने आ चुका है।
इसी तरह बिलौआ, सिरोल, महाराजपुरा, पुरानी छावनी, बहोड़ापुर, भितरवार, पनिहार, मोहना, घाटीगांव, बिजौली, चीनौर, गिजौर्रा, पिछोर, डबरा सिटी, गिरवाई, झांसी रोड, कंपू, जनकगंज यहां रेत, गिट्टी और भारी वाहनों से अवैध उगाही का खेल जमकर चलता है। यहां अवैध उगाही सबसे ज्यादा होती है।
लगातार मामले सामने आने के बाद कप्तान बोले- अब सीधे अवैध उगाही की कराऊंगा एफआइआर:
इस तरह के मामलों में हमने सीधे कार्रवाई की है। पहली बार इतनी सख्त कार्रवाई हुई है, जिससे इस तरह का कृत्य करने से दूसरे अधिकारी सोचेंगे। अब सीधे निर्देश हैं, अगर विवादित जमीन के मामले में पड़कर या किसी तरह की अवैध उगाही में किसी का नाम शामिल आया तो 384 की एफआइआर ही कराऊंगा। भ्रष्टाचार किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
अमित सांघी, एसएसपी
रिटायर्ड एडीजी बोले- राजनैतिक पोस्टिंग, इसलिए मनमानी कर रहे अधिकारी, एक ही इलाज सीधे कार्रवाई:
अब मैरिट के आधार पर पोस्टिंग नहीं हो रहीं। राजनैतिक पोस्टिंग होंगी तो यही होगा। अधिकारी इसी तरह की मनमानी करेंगे, क्योंकि उन्हें लगता है जो उनकी पोस्टिंग करा रहा है, वही उन्हें संरक्षण देगा। ऐसा होता भी है। इसका एक ही इलाज है, विभाग के मुखिया सीधे ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई करें। जिससे पूरे महकमे में यह मैसेज जाए कि गलत करने पर सजा मिलेगी। इन मामलों में एसएसपी अमित सांघी ने सख्त कार्रवाई की, इससे विभाग में अच्छा मैसेज गया है।
एसएस शुक्ला, रिटायर्ड एडीजी