ग्वालियर. नईदुनिया प्रतिनिधि। जिस गति से लोहे का दाम पिछले वर्ष बढ़ा था ठीक उसी तरह से गिर भी रहा है। पिछले दो महीने में लोहे के सरिया का दाम 16 रुपये प्रति किलो तक नीचे आ चुका है। वह भी तब जब लोहे की सरिया की मांग बाजार में बढ़ी है। मांग पिछले 20 दिन में 20 फीसद बढ़ चुकी है। इसके बाद भी लोहे के दाम में 16 रुपये प्रति किलो की कमी दर्ज की जा रही है। व्यापारियों का कहनाहै कि लोहे के दाम और भी नीचे गिर सकते हैं। व्यापारियों का कहना है कि इस बार लोहे के दाम बढ़ने से उसकी मांग में कमी आई थी। इसके साथ ही इस गर्मी के मौसम में निर्माण कार्य घट जाते हैं जिससे बिकवाली कम होती है। यह कारण भी दाम घटने का हो सकता है। पर दाम घटने और सरकारी निर्माण बढ़ने से मांग बढ़ गई है।
यही सही मौका है जब घर बवानवाने वाले सरिया खरीदकर बच कर सकते हैं।दो महीने पहले सरिया का दाम 80 रुपये प्रति किलो था जो पहले घटकर 72 रुपये बचा था और पिछले एक सप्ताह में यह टूटकर 64 रुपये प्रति किलो रह गया है। ग्वालियर लोहा व्यवसाई संघ के सचिव संजय कठ्ठल का कहना है कि लाकडाउन से पहले मार्च 2021 में जो एंगल-पत्ती 42-44 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से मिलती थी, वह अब 56 से 60 रुपये किलो हो गई है। भवन निर्माण में प्रयुक्त होने वाला सरिया 48 रुपये किलो था, जो 55 से 58 रुपये किलो हो गया। लोहे की चादर (जीआइ शीट) 80-85 रुपये किलो थी, जो अब 100 से 115 रुपये किलो हो गई है। गार्डर, चैनल, प्लेट 55 रुपये किलो था, जो अब 70 रुपये किलो हो गया। रैलिंग आदि बनाने में काम आने वाली स्टेन लेस स्टील 250 रुपये किलो थी, जो अब 300 रुपये किलो में मिल रही है। ऐसे में लोगों के लिए भवन निर्माण करना भी महंगा हो गया है। क्योंकि भवन निर्माण में लोहे के सरिए, गार्डर, स्टील रैलिंग आदि लगते हैं। वहीं ट्रेक्टर की ट्रॉली, थ्रेसर, हल आदि कृषि यंत्रों के निर्माण की लागत भी बढ़ गई है। इसके साथ ही लोहे से बनने वाली अन्य घरेलू उपकरण भी महंगे हो गए थे। पर अब दाम घटने से सबसे के दाम में कमी आ रही है।